उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

पूर्व आयुक्त के द्वारा दी गई सेल्फी प्वाइंट सौगात गायब चलती फिरती दुकानों का स्थान………



पूर्व आयुक्त के द्वारा दी गई सेल्फी प्वाइंट सौगात गायब
चलती फिरती दुकानों का स्थान………
देवास।
शहर में कई सामाजिक संगठनों व राजनतिक संगठनों के लिए मात्र एक ही धरना स्थल बनाया गया है, जहां कई सामाजिक संगठन व राजैनतिक संगठन अपना विरोध प्रदर्शन कर धरना स्थल पर कार्यक्रम रखते आए हैं। वैसे इस धरना स्थल के साथ-साथ यह स्थान सैर सपाटा कर रहे लोगों के लिए सेल्फी प्वाइंट भी बना हुआ था। वहीं पूर्व निगमायुक्त यहां पर बिजली से बना एक बोर्ड जिस पर देवास बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, वह भी आयुक्त के जाने के बाद अचानक से हट गया। कहा जाए तो पूर्व निगमायुक्त के जाने के बाद कई प्रकार के बदलाव स्वत: ही आ गए हैं। लेकिन बदलाव क्यों किए गए यह अब तक समझ से परे है। वहीं अब इन बदलावों पर कोई कार्य भी नहीं होना यह सवाल बना हुआ है। फिलहाल तो धरना स्थल और सेल्फी प्वाइंट पर कोई संगठन लोन की चलती फिरती दुकान संचालित कर रहा है, जिसे लगाने की स्वीकृति नियमानुसार विभाग से ली गई है की नहीं यह भी सोच का विषय बना हुआ है।
शहर में पिछले दिनों पूर्व निगमायुक्त विशाल सिंह ने सौंदर्यीकरण के लिए कई स्थान ऐसे देखे थे जहां पर लोगों का मनोरंजन भी हो साथ ही लोग घूमने के लिए भी आए। उनकी सोच के साथ कुछ स्थानों पर कार्य तो हुआ और कुछ स्थानों पर अब भी जारी है। लेकिन उनके स्थानांतरण होने के बाद मानो देवास शहर में सौंदर्यीकरण की परिभाषा ही बदल गई। यहां पर विकास तो है मगर लोगों के मनोरंजन के लिए स्थानों की कमी होती जा रही है। वैसे विशाल सिंह ने मुण्डूक पुष्कर के बाहर की और भी सौंदर्यीकरण किया था। जहां पर उन्होनें बड़े-बड़े अक्षरों में देवास शहर लिखवाया था, जो रात में बिजली से प्रकाशमान भी रहता दिखाई देता था। इसके साथ ही यह स्थान सेल्फी प्वाइंट के लिए भी मशहूर हो गया था। लेकिन विशाल सिंह के स्थानांतरण होने के बाद अचानक से देवास लिखा यह बोर्ड गायब हो गया। वहीं अब यहां पर सेल्फी प्वाइंट भी खत्म हो गया। अब यहां पर कुछ ही दिनों से लोन की चलती फिरती दुकान संचालित हो रही है। बताया जाता है की इस दुकान में काम करने वाले कर्मी चंद मिनटों में आधार कार्ड पर लोन देने की बात कहते हैं। इन दुकानदारों ने इस धरना स्थल और सेल्फी प्वाइंट को अपना व्यवसाय संचालित करने का स्थान बना लिया है। जिससे कहा जाए तो वह दिन दूर नहीं जब इन जैसी और भी चलती फिरती दुकानें इनके बाद इसी स्थान पर दिखाई देंगी। फिर यह स्थान न तो धरना स्थल कहलाने लायक बचेगा, न ही सेल्फी प्वाइंट के नाम से बचेगा।