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104 वर्ष पुराने शिव छत्रपति गणेश मंडल के कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुती देने आई, कुचिपुड़ी शैली की ख्यात नृत्यांगना सुरभि लक्ष्मी शारदा

भारतीय नृत्य पारम्परिक संस्कृति को बचाने और आध्यात्मिकता के साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है हमारी सांस्कृतिक परम्परा में भारतीय शैली के नृत्य फिर चाहे वो कुचिपुड़ी हो या कथक,ओडिसी हो या भरतनाट्यम ये समृद्ध परम्परा की वो विरासत है जो बदलती जीवन शैली में बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है और जिन्हें बचाए रखना भी जरूरी है । ये बात कुचिपुड़ी शैली की ख्यात नृत्यांगना सुरभि लक्ष्मी शारदा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही । पहली बार मध्यप्रदेश में अपनी प्रस्तुति देने आई सुरभि कुचिपुड़ी में पीएचडी होकर सूचना प्रसारण के गीत एवं नाट्य प्रभार में कार्यरत है । आकाशवाणी और दूरदर्शन के तेलुगु चैनल पर सूत्रधार और रेडियो जॉकी है ।
कुचिपुड़ी एक पारम्परिक नृत्य शैली है जो पंद्रहवी शताब्दी से पांच दशकों तक सिर्फ ब्राह्मण पुरुषों द्वारा ही अभिनीत की जाती थी पश्चात् गुरु वेदांत और लक्ष्मीनारायणन के प्रयासों से इसमें महिलाओं की भागीदारी बढी है । कुचिपुड़ी एक डांस ड्रामा है जो सामूहिक रूप से पौराणिक चरित्रों को मंच पर पारम्परिक शैली में प्रस्तुत करता है जिसकी अब एकल प्रस्तुतियां भी होने लगी है ।
कुचिपुड़ी कलाकार सुरभि लक्ष्मी शारदा ने आज भारतीय नृत्यों के प्रति लोगो की रूचि में आती कमी के सवाल पर कहा की लोग हर बात को अब आर्थिक गणित से देखने लगे है। लोग सोचते है कि इन कलाओं को सीखने में हजारों रुपया खर्च करके भविष्य में जितना मिलेगा उससे ज्यादा डाक्टर,इजीनियर बनकर कमाया जा सकता है। फिर वर्तमान समय के तुरत फुरत फ़ास्ट गीत संगीत ने भी लोगो को इन कलाओं से दूर किया है ।
अपनी कला के प्रति प्रतिबद्ध सुरभि नये बच्चों के माध्यम से कुचिपुड़ी को स्थापित कर आगे ले जाना चाहती है इसीलिये वे अपने कामकाज से समय निकालकर सप्ताह में एक दिन उन्हें कुचिपुड़ी का निशुल्क प्रशिक्षण देती है । सुरभि की कोशिश है कि इस कला को लोकप्रिय बनाने के लिए डांस थैरेपी के रूप में लोगो के बीच ले जाया जाए जहाँ डांससंस्कृति को बचाए रखते हुए लोगो को नृत्य के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य का भी सन्देश दे ।
भारत के अलग अलग प्रदेशों में अपनी कला का प्रदर्शन करने के साथ ही सुरभि नेपाल और दुबई में भी अपने शो कर चुकी है । शासकीय और अशासकीय 43 पुरस्कारों से नवाजी जा चुकी सुरभि लक्ष्मी शारदा आज शहर में 104 वर्ष पुराने शिव छत्रपति गणेश मंडल के कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुती देने आई है ।