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भवानी सागर में मिला पशुओं का बाड़ा, बिना तोड़े लौटना पड़ा कांग्रेसी नेता का राजनितीक दबाव आया अधिकारी उल्टे पांव लौटे

भवानी सागर में मिला पशुओं का बाड़ा, बिना तोड़े लौटना पड़ा
कांग्रेसी नेता का राजनितीक दबाव आया अधिकारी उल्टे पांव लौटे

देवास।
शहर में सुअरो को रखने के लिए भवानी सागर और नई आबादी क्षेत्र में बाड़े बनाये गए है। जिसको लेकर गत दिवस बाड़े संचालको की बैठक लेकर कहा गया था कि शहर में जमा सुअरो को हटाना है, जिस पर तत्काल सुअरो को हटाने के लिए निगम का अमला बाड़े हटाने के लिए पहुंचा। लेकिन भवानी सागर स्थित बाड़े को हटाने में निगम की टीम नाकाम रही। यहां पर राजनीतिक दबाव आने से भवानी सागर में की जाने वाली कार्रवाई स्थगित कर नई आबादी क्षेत्र में बाड़ा हटाने की कार्रवाई को लेकर अधिकारी वर्ग यहां पहुंचे जिस पर नई आबादी में गली-गली घूमने के बाद भी सूअरों का किसी प्रकार का कोई बाड़ा नहीं मिला। जिसके बाद अधिकारी व मौजूद पुलिकर्मी अन्य क्षेत्रों में बाड़ा ढूंढने पहुंच गए। वहां से भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा। जबकि गत दिवस ही निगमायुक्त ने सूअर पालक व बाड़ा संचालकों की बैठक लेकर यह निर्देश दिए थे की शहर में सूअर हटना ही चाहिए।
मंगलवार को नगर निगम आयुक्त संजना जैन ने सूअर पालकों व बाड़ा संचालकों की बैठक ली थी। बैठक में निर्देश दिए गए थे कि शहर में सूअरों की तादात अधिक होने से बाड़ा व सूअर हटाना है। इसके लिए सूअर पालकों को व बाड़ा संचालकों को किसी प्रकार का कोई समय निर्धारित करके नहीं दिया था। वहीं बुधवार सुबह तत्काल कार्रवाई करते हुए बाड़ा संचालकों के क्षेत्र में पहुंचे जहां स्थानीय भवानी सागर में बाड़ा संचालित हो रहा था। काफी देर तक निगम के आला अधिकारी सहित बड़ी मात्रा में पुलिस बल मौजूद था, लेकिन किसी ने भी बाड़ा हटाने के लिए जद्दोजहद नहीं की, वहीं इस बीच निगम अधिकारियों ने हटाने की बात कही तो वहां पर कांग्रेसी नेता का राजनीतिक दबाव आ गया। जिस पर तत्काल मौजूद अधिकारी एवं भारी तादात में उपस्थित पुलिसकर्मी को उल्टे पांव लौटना पड़ा और बाड़ा जस का तस ही रहा। उसके बाद निगम का अमला नईआबादी स्थित गलीयों में घूमता रहा लेकिन वहां पर भी कोई बाड़ा नजर नहीं आया जिसके कारण लगभग दो घंटे तक निगम के अधिकारी निगमायुक्त संजना जैन के निर्देशों का पालन करते रहे, लेकिन वापस भी खाली हाथ ही लौटना पड़ा। उल्लेखनीय है की दो वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर आशिष सिंह ने कार्रवाई करते हुए सूअरों के पालकों के द्वारा बने बाड़ों को तत्काल कार्रवाई के चलते तोड़ दिए थे। जिस पर पहली बार बड़ी कार्रवाई शहर में किसी अधिकारी ने की थी। वहीं उसी सोच को लेकर संजना जैन ने कार्रवाई करने की ठानी लेकिन बाड़े भवानी सागर के अलावा कहीं नजर नहीं आए। जो नजर आया वहां पर राजनीतिक दबाव आने से उल्टे पांव लौटना पड़ा। अब हालात यह है की जिस सोच को लेकर निगमायुक्त ने सूअरों के संचालकों पर कार्रवाई करने की ठानी थी, वह क्या पूरी हो पाएगी। जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च अंक हांसिल करने के लिए निगमायुक्त भरपूर प्रयास कर रही है। लेकिन अगर इस तरह का राजनीतिक दबाव कार्य के बीच आएगा तो कैसे संभव है की उन्हें यह मुकाम हांसिल होगा।
बगैर जानकारी के बनी सूची
वहीं इस बाड़ों को खत्म करके लिए निगमायुक्त ने क्षेत्रवार सूची बनाई थी जो सभी अधिकारियों के पास है। जिसमें नई आबादी, भवानी सागर, तिलक नगर, मोती बंगला, नौसराबाद, अंबेडकर कॉलोनी यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर आयुक्त के मुताबिक से बाड़ा हो सकता है। उसे हटाने के लिए कार्रवाई करने के लिए टीम सुबह से दोपहर तक बाड़ा ही ढूंढती रही। वहीं निगम अधिकारी वर्ग जहां बाड़ा ढूंढने के प्रयास में लगे थे। उन्हें उनकी आंखों के सामने नालियों में विचरण करते सूअर उन्हें दिखाई नहीं दिए। कहा जाए तो निगम सिर्फ कागजी रूप से दिखावे की कार्रवाई करने में लगी है। कहा जाए तो निगमायुक्त ने शहर में भ्रमण कर यह जानकारी नहीं ली की कहां पर सूअरों के बाड़े हैं कहां नहीं सिर्फ हवाई तौर पर सूची बनाने से आखिर कार खाली हाथ ही भेजे गए अधिकारियों को पुन: निगम में आना पड़ा।