उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

सांसद की बड़ सास ने दिया पार्टी से इस्तीफा, पार्टी कर रही सौतेला व्यवहार, तो दिया इस्तीफा


देवास। राजनीतिक दलों में आपसी गुटबाजी के चलते कई कार्यकर्ता अपनी पार्टी की नीतियों से संतुष्ट नहीं है। राजनीतिक दलों में हर कार्यकर्ता की चाह होती है की उसे पार्टी के उच्चस्तरीय नेता उनके कार्यों से उन्हें याद रखें लेकिन राजनीति में गुटबाजी कुछ इस तरह से पनप रही है की अब कार्यकर्ता पार्टी की नीति से संतुष्ट नहीं है जिसके कारण कार्यकर्ता भी पार्टी छोडऩे पर आतुर है। कुछ इसी तरह से भाजपा पार्टी का हाल है, हांलाकि पार्टी अभी विपक्ष की भूमिका निभा रही है, लेकिन कार्यकर्ताओं की चाह है की आगामी चुनाव में वह कुछ जिम्मेदारी पदों का निर्वहन करें और उच्च पद पर आसित हो। वैसे कुछ ही दिनों में भाजपा मण्डल के चुनाव भी होना है जिस पर कार्यकर्ता अपनी ऊंचाई पार्टी में देखना चाहता है। जब पार्टी कार्यकर्ता की महत्वकांक्षा पूरी नहीं हो पाती है तो वह पार्टी को छोड़ देना ही उचित समझता है। कुछ ऐसा ही एक मामला बुधवार शाम को सामने आया जहां भाजपा पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता व जिला मंत्री ने पार्टी से इस्तीफा सौंपा यह महिला कार्यकर्ता सांसद की बड़ सास बताई जा रही है जिन्होनें पद से इस्तीफा जिलाध्यक्ष को सौंपा है, वह इस इस्तीफे को प्रदेश स्तर पर सौंप देंगे।
भाजपा पार्टी में कुछ ही दिनों के बाद मण्डल के चुनाव होना है, जिसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं की चाह है की मण्डलों के चुनाव में उनकी सहभागिता स्पष्ट रूप से दिखाई दे। लेकिन पार्टी में उन कार्यकर्ता को सम्मान न मिले और उन्हें तब ही याद किया जाए जब पार्टी की और से कोई कार्यक्रम हो। ऐसा ही एक मामला सामने बुधवार शाम को आया जहां पार्टी की महिला कार्यकर्ता व जिला मंत्री श्रीमती रश्मि मिश्रा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बताया जाता है की श्रीमती मिश्रा सांसद महेन्द सिंह सोलंकी की बड़ सास है उनकी छोटी बहन सांसद सोलंकी की बहन है। बताया तो यह भी जाता है की श्रीमती मिश्रा पूर्व मंत्री जोशी गुट से हैं। वर्तमान में उन्हें सम्मान पार्टी के वरिष्ठों से नहीं मिल पा रहा था, जिसके कारण उन्होनें अपना इस्तीफा जिलाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को सौंपा। नंदकुमार सिंह ने बताया की श्रीमती मिश्रा ने उनका इस्तीफा सौंपा है उनका मानना है की उन्हें मण्डल के निर्माण को लेकर पिछले दिनों हुई रायशुमारी की बैठक में नहीं बुलाया गया था। वहीं श्री चौहान के मुताबिक उन्होनें जो सूची कार्यकर्ताओं की बनाई थी, उसमें उनका नाम था। श्रीमती मिश्रा का कहना है की वह गुटबाजी की शिकार हो रही है। मैंनें इस्तीफा लिया है व प्रदेश संगठन को भेज दूंगा। वहीं इस मामले को श्रीमती मिश्रा से जब चर्चा करना चाही तो वह सिर्फ यह कहकर चली गई की जिलाध्यक्ष को इस्तीफा दे दिया है, मुझे कुछ नहीं कहना है।
यह लिखकर दिया इस्तीफा
आदरणीय अध्यक्ष महोदय,
भारतीय जनता पार्टी एक बहुत बड़ा दल है और इसमें कार्य करना गर्व की बात है। मेरे लिये भी यह सौभाग्य की बात रही है, परन्तु इसमें कार्य करना मेरे लिये परेशानी का सबब बनता जा रहा है। मुझे गुटबाजी का शिकार बनाया जा रहा है मुझे अन्य गुट का बताकर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे माहौल में मुझे कार्य करने में काफी मुश्किलों के साथ ही मेरी कार्य क्षमता भी प्रभावित हो रही है। अभी मंडल अध्यक्ष की रायशुमारी में मुझे बुलाया ही नहीं गया। ऐसे बहुत से कारण है जिनकी वजह से मैं पार्टी में कार्य करने की इच्छुक नहीं हूँ। अत: मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता जिला मंत्री व सभी पदों से अपना त्यागपत्र दे रही हूँ। कृपया मुझे उक्त सभी पदो से मुक्त करने का कष्ट करें ।
बहुत संभाल के लिखना पड़ता है जहन ए जज्बात को ।
वरना स्याही पे नहीं गहराई पे सवाल होता है ।।