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कौन अपना और कौन पराया.. समर्थक भूले अपने महाराज का जन्मदिन ! एक-दो समथकों ने खिलाया भोजन दोपहर में याद आए महाराज तो प्रतिमा पर डंडे से पहनाया फूलों का हार

कौन अपना और कौन पराया..
समर्थक भूले अपने महाराज का जन्मदिन !
एक-दो समथकों ने खिलाया भोजन
दोपहर में याद आए महाराज तो प्रतिमा पर डंडे से पहनाया फूलों का हार
देवास।
कौन अपना और कौन पराया कहने को तो सिर्फ एक कहावत है पर इस कहावत को आंतरिक तौर पर समझा जाए तो कई प्रकार की बातें स्पष्ट हो जाती है। रविवार को पूर्व मंत्री व विधायक स्व. तुकोजीराव पवार का जन्मदिन था, जिसे जयंती के रूप में पूर्व विधायक के एक- दो समर्थक ने मनाया। वहीं कई ऐसे भी लोग थे जो स्व. पवार के जीवित रहने पर उनका जन्मदिन बड़े उल्लास के साथ मनाया करते थे। लेकिन रविवार को उनका जन्मदिन कुछ समर्थक मनाना ही भूल गए या कहें तो उन्होनें उनके पसंदिता नेता का जन्मदिन मनाने की रस्म को खत्म कर दिया। कुछ ऐसा ही देखने को रविवार को मिला जहां देवास के भाजपा नेता व पवार समर्थकों ने स्व. पवार का जन्मदिन ही नहीं मनाया। वहीं एक युवा नेता ने तो दोपहर में स्व. पवार के जन्मदिन पर उनकी प्रतिमा पर हार डालने के लिए बड़ा जतन किया और स्व पवार की प्रतिमा पर फूलों से निर्मित हार चढ़ाया। वहीं दूसरी और एक समर्थक ने स्व पवार के जन्मदिन पर लोगों को भोजन प्रसादी करा कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी प्रकार से उनके बड़े समर्थक कहे जाने वाले भाजपा के रवि जैन व वरिष्ठ नेता विजय पंडित ने भी स्व. पवार को श्रद्धासुमन अर्पित कर उसी तरह जन्मदिवस मनाया जिस तरह से वह पहले भी मनाते आए हैं। इसी प्रकार से कुछ पुराने समर्थकों ने जन्मदिन मनाने के लिए जश्र के साथ कोई आयोजन नहीं किए। वहीं स्व. पवार के जन्मदिवस पर सार्वजनिक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते रहे हैं जो स्व. पवार के रहते भी मनाए गए हैं। लेकिन उनके जाते ही धीरे-धीरे तमाम प्रकार के कार्यक्रम भी खत्म कर दिए गए। अब ऐसे में किसे वर्तमान में महाराज विक्रम सिंह भी अपना माने और किसे पराया यह भी कहा नहीं जा सकता है, लेकिन दिख सब कुछ रहा है की समर्थकों ने कितने उल्लास के साथ उनके नेता का जन्मदिन मनाने का प्रयास किया और किसने जन्मदिन मनाया। इस प्रकार की चर्चा रविवार को पूरे दिन शहर के विभिन्न चौराहों पर रही की किसने महाराज का जन्मदिन मनाया और किसने नहीं।

फोटो की हौड में डंडे से पहनाया हार महाराज को