देवास। राज्य मंत्री व अध्यक्ष माँ नर्मदा, शिप्रा एवं मन्दाकिनी न्यास कम्प्यूटर बाबा देवास पहुंचे जहाँ उन्होंने कहा कि मीडिया से जानकारी मिल रही है कि शिप्रा नदी जो देवास में घर-घर पहुंच रहा है उस नदी में दूषित पानी भी आ रहा है। जिसको लेकर उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को कहा है कि इस संबंध में संपूर्ण रूप से जानकारी लेवे। वहीं कम्प्यूटर बाबा के आगमन की सूचना मिलते ही कलेक्टर से लेकर सभी विभाग के अधिकारी सर्किट हाऊस पहुंच गए। जहां पर आते ही उन्होनें बैठक प्रारंभ की और शिप्रा नदी के बारे में जानकारी भी एकत्रित की। यहां पर पहले भी कम्प्यूटर बाबा आए थे, तब भी निगमायुक्त संजना जैन बैठक में उपस्थित नहीं थी, वहीं आज भी वह बैठक के अंत में पहुंची जहां कम्प्यूटर बाबा ने उन्हें कह ही दिया की पहली बैठक में आपसे मुलाकरत नहीं हो पाई थी, वहीं आज भी अंदेशा ऐसा लग रहा था की आपसे मुलाकात संभव नहीं है।
पिछले कुछ दिनों से राज्य मंत्री व अध्यक्ष माँ नर्मदा, शिप्रा एवं मन्दाकिनी न्यास के कम्प्यूटर बाबा को जानकारी मिली थी कि शिप्रा नदी को औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले गंदगी युक्त पानी से दूषित किया जा रहा है, जिस पर वह यहाँ गुरूवार को सर्किट हाऊस पर आये और कलेक्टर, एडीएम, एसडीम के अलावा समस्त विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली। सबसे पहले उन्होनें सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। जिसके बाद बैठक में शिप्रा नदी को लेकर उन्होनें अपने विचार प्रकट किए जिसके तहत बताया गया कि शिप्रा नदी आद्योगिक क्षेत्र से निकल रहे दूषित पानी की वजह से दूषित हो रही है। जिस पर बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र की कंपनी संचालको के द्वारा पहले दूषित पानी जा रहा था। किंतु अब ऐसा नहीं है। वहीं मौजूद मीडियाकर्मियों ने मंत्री जी को कहा कि हम आपको जमीनी हकीकत बताने को तैयार है, आप खुद देखकर आश्चर्य चकित रह जाएंगे। जिसके बाद मंत्री कम्प्यूटर बाबा मीडिया के साथ नागधम्मन नदी व गदईशी पिपल्या पर बने पुल पर जाकर देखा जहां कंपनियों का दूषित पानी शिप्रा में मिलते देख वह भी चौंक गए। उन्होंने वहां पर कहा कि अधिकारियों को कहकर जल्द ही यह गंदगी भरा पानी शिप्रा नदी में जाने से रोका जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तो दूषित पानी देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन दूसरी बार जब भी यहां आने का मौका मिला और दूषित पानी तब भी साफ नहीं किया गया तो तत्काल कार्रवाई करेंगे। वही आप लोगों को कल-कल बहती साफ शिप्रा नदी पुन: देखने को मिलेगी।
निगम अधिकारी ने कहा हमारे माथे करवाती है
सर्किट हाऊस में बैठक के दौरान निगमायुक्त कुछ देरी से पहुंची थी, जिस पर वहां पर मौजूद कुछ विभागीय अधिकारियों से कम्प्यूटर बाबा ने कहा की निगमायुक्त की कोई जानकारी नहीं है क्या आप लोगों को, वहीं मौजूद अधिकारियों को फटकार भी लगाई। बैठक के बाद सर्किट हाऊस पर मौजूद निगम अधिकारियों ने कहा भी की निगमायुक्त समय पर नहीं आती है जिसके कारण हमें सुनने को मिलता है।
आपको धन्यवाद भी दें दे
बैठक में निगमायुक्त संजना जैन कुछ देरी से पहुंची थी, हांलाकि बैठक के प्रारंभ में ही कम्प्यूटर बाबा ने संजना जैन को बुलवाया था। वहीं उस पर भी उन्होनें कहा की निगम अधिकारी को बुलाना पड़ रहा है। वहीं जब निगमायुक्त संजना जैन यहां पर आई तो कम्प्यूटर बाबा ने उनके आते ही कहा की आपका बुहत-बहुत धन्यवाद जो आप यहां पर आई है। पूर्व में एक बैठक के दौरान तो आप यहां पर मौजूद नहीं थी, लेकिन आज आपसे मिलने का अवसर मिल ही गया।
नंबर पर नहीं स्वच्छता पर ध्यान देना है
निगमायुक्त संजना जैन के द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों को लेकर कहा की आप बहुत अच्छा कार्य कर रही है, वहीं स्वच्छता के नाम पर तो कहें की नंबर की दौड़ में शामिल होना तो एक बहाना है। हमें शहर को स्वच्छ बनाने के लिए अपना ध्यान केन्द्रीत करना जरूरी है। नंबर पर ध्यान नहीं देना है ताकि शहर में कार्य हो सके।
शिप्रा नदी कहाँ से कहाँ तक है
कम्प्यूटर बाबा ने निगमायुक्त से पूछा की हमारी शिप्रा नदी कहां से कहां तक हैं जिस पर निगमायुक्त कुछ कह नहीं पाई वहीं कलेक्टर ने बताया की कितनी किमी देवास व नगर निगम सीमा में आती है नदी, जिस पर निगमायुक्त संजना जैन ने कहा की इसका रूट चार्ट बना नहीं है वह बनवाकर ही बता पाएंगी। कम्प्यूटर बाबा ने कहा की हम लोगों को पूरी जानकारी मिल जाएगी तो हमें आसानी होगी जिससे यह पता लग सकेगा की देवास की और नदी का कितना हिस्सा है।
देते रहे गलत जानकारी
शिप्रा नदी में दूषित पानी जाने की जानकारी जब विभागीय अधिकारियों से ली गई तो उन्होनें कहा की अब ऐसा नहीं है, पहले कभी जाता था, लेकिन सूचना मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई की गई है। जिसके बाद से देवास में भी पेयजल शिप्रा नदी से किया जाता है, जहां अब दूषित पानी सप्लाय नहीं होता है। वहीं नागधम्मन नदी पर निरीक्षण करने पहुंचे तो अधिकारियों ने वहां भी गलत जानकारी कम्प्यूटर बाबा को मुहैया कराई। नागधम्मन नदी को नाला बताने लगे जब मौजूद मीडिया कर्मियों ने उन्हें बताया की यह नागधम्मन नदी है तो कम्प्यूटर बाबा ने नाराजगी प्रकट की।
भाजपाईयों को तो बोलने का ही अधिकार ही नहीं है
कम्प्यूटर बाबा ने कहा की हमारे पास बहुत बार शिकायत आ चुकी है की यहां शिप्रा में बहुत ही गंदा पानी बह रहा है, यहां कुछ फैक्ट्रीयां है जिनसे गंदा पानी नदी में जा रहा है। इसी संबंध में संबंधित अधिकरियों के साथ हमारी बैठक हुई है। नदी में गंदा पानी न मिले उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। वहीं अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार शिप्रा नदी में गंदगी युक्त पानी नहीं जा रहा है, यदी मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिल रही है तो आप लोगों के साथ वहां पर जाएंगे यदी वहां पर वास्तव में गंदा पनी है तो उसे तत्काल बंद करा दिया जाएगा। भाजपाईयों को तो बोलने का ही अधिकार ही नहीं है, इसलिए नहीं है जब 15 साल में ही कुछ नहीं कर पाए और वही हालात आज भी है, इसका मतलब है की जो 15 वर्ष में नहीं कर पाए वह एक साल में तमाशा समझ रहे हो। यह शिवराज सरकार नहीं है जो काम 15 साल में नहीं हुए होंगे वह कमलनाथ सरकार पूरा करेगी। पूरे संत समाज ने कांग्रेस पर इसलिए विश्वास रखा क्योंकि जो यह कहते हैं वह करते भी है। यह सिर्फ गप्प नहीं मारते घोषणा नहीं करते हैं। यह जितनी बात बोलते है उतना करेंगे। समय तो लगेगा, पांच साल गुजरने दे फिर चाहे वह नदियों की बात हो या किसी और की बात हो पांच सालों में शिप्रा नदी साफ व स्वच्छ होकर कल-कल बहने लगेगी।
शिप्रा दूषित कैसे हो रही, मीडिया के साथ किया निरीक्षण निरीक्षण के दौरान अधिकारी देते रहे गलत जानकारी , शिप्रा नदी कहाँ से कहाँ तक है
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