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भारत-अमेरिका के बीच 71 हजार करोड़ रुपये की तोपों का सौदा

अमेरिका ने भारत को 13 एमके-45 नौसैनिक तोप बेचने को मंजूरी दे दी है। सभी उपकरणों के साथ इसकी कीमत 7100 करोड़ रुपए होगी। अमेरिका के रक्षा सौदों को मंजूरी देने वाली रक्षा सुरक्षा और सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने बुधवार देर रात यह जानकारी दी। इस सौदे को विदेशी सैन्य बिक्री के तहत स्वीकृति दी गई।

रिपोर्ट के मुताबिक, इन तोपों को अमेरिकी रक्षा विभाग ने नौसेना ऑपरेशनों के लिए तैयार किया गया है। भारत को इनका अपग्रेडेड वर्जन सौंपा जाएगा, जिसके बैरल की लंबाई अपेक्षाकृत ज्यादा होगी। एमके-45 तोप युद्धपोतों से सतह और हवाई हमले करने में सक्षम हैं।

डीएससीए ने सौदे के लिए अनिवार्य प्रमाणीकरण जारी कर दिया है। दरअसल, किसी भी सौदे को मंजूरी देने के लिए एजेंसी एक महीने का समय लेती है। इस अवधि में सौदे से संबंधित किसी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। इस सौदे के अंतर्गत तोप लगाने के काम आने वाले 3500 प्रोजेक्टाइल, गोला-बारूद, कलपुर्जे समेत अन्य उपकरण भी भारत को बेचे जाएंगे।

अमेरिका भारतीय सैनिकों को इन बंदूक को चलाने का प्रशिक्षण भी देगा। इन तोपों के मिलने से भारतीय नौसेना की समुद्री ऑपरेशनों की क्षमता बढ़ेगी। भारतीय युद्धपोत इनकी मदद से अमेरिकी नौसेना और अन्य नौसेनाओं के साथ मिलकर सटीक सुरक्षा अभियान चला सकेंगे। एमके-45 के आने के बाद भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में मौजूदा और भविष्य के खतरों से प्रभावी ढंग से निपट सकेगी।

अमेरिकी रक्षा एजेंसी सौदे के मुताबिक, इन बंदूकों की बिक्री से क्षेत्र में सैन्य असंतुलन पैदा नहीं होगा। एमके-45 तोप का निर्माण लुइसविल और केंटकी में किया जा रहा है। एजेंसी ने कहा है कि सौदे के तहत बंदूकों को भारत पहुंचाने का खर्च भी अमेरिका ही वहन करेगा। तकनीकी डाटा और अन्य आवश्यक सहयोग साझा पर भी सहमति बनी है।