देवास। मध्य प्रदेश के 28 विधानसभाओं पर हुए उपचुनाव के साथ ही देवास जिले की हाटपिपलीया विधानसभा उपचुनाव के लिये भी मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्नं हुआ। बढे हुए मतप्रतिशत के साथ ही भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों की और से जीत को लेकर अपने अपने दावे किये गए है, लेकिन 3 नंवबर को मतदान समाप्ति के बाद से की राजनैतिक क्षैत्रों में उठ रहे भीतरघात के स्वरों से आशंकित भाजपा कही न कही परेशान नजर आ रही है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिङ्क्षधया समर्थक मनोज चौधरी को प्रत्याशी बनाये जाने की संभावनाओं के साथ शुरू से ही हाटपिपलीया विधानसभा का उपचुनाव नीचे से लेकर शीर्ष तक चर्चाओं में था एवं सभी की नजरें इस पर टिकी हुई थी। चौधरी को प्रत्याशी घोषित किये जाने के पूर्व से ही अंसुतष्ट, नाराज नेताओं की मान-मनोव्वल को दौर पार्टी स्तर पर शुरू हो गया था जो सतह पर भी दिखाई दे रहा था। अंसतुष्ट नेता भी छिपे हुए नही थे। चुनाव प्रचार के दौरान हांलाकि अंसतुष्ट नेता पार्टी के साथ खड़े नजर आये लेकिन इनकेें असंतोष के स्वर प्रचार के दौरान भी लगातार सामने आते रहे। मतदान के बाद राजनैतिक क्षैत्रों में भाजपा के भीतरघात का शिकार होने के स्वर तीव्रता से सुनने में आ रहे है। सूत्रों का तो यहा तक कहना है कि भीतरघात करने वाले नेताओं की शिकायत पार्टी स्तर में भोपाल तक की गई है। भीतरघात के इन स्वरों एवं आशंकाओं से भाजपा परिणाम से लेकर परेशान दिख रही है।