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आठ साल के उच्चतम स्तर पर थोक महंगाई दर, पेट्रोल-डीजल ने सबसे ज्यादा रुलाया

देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें जहां लगातार उच्च स्तर पर बनी हुईं है. वहीं मार्च में थोक महंगाई पिछले 8 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को मार्च के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित इन्फ्लेशन रेट के आंकड़े जारी किए हैं. जानिए कितनी रही मुद्रास्फीति दर…

इससे पहले 2013 में थी इतनी महंगाई
मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से मार्च 2021 में देश की थोक महंगाई दर 8 साल के उच्च स्तर पर 7.39% रही है. इससे पहले मार्च 2013 में देश में थोक महंगाई दर 8.6% थी.

मार्च में 1.57 % बढ़ी महंगाई

अगर मार्च के आंकड़ों की तुलना मार्च 2020 से की जाए तो थोक महंगाई दर में बीते साल के मुकाबले 1.57% की वृद्धि हुई है. जबकि फरवरी 2021 में 4.17% थी जो बीते 27 महीनों का उच्च स्तर था. जबकि जनवरी 2021 में देश की थोक मुद्रास्फीति दर 2.51% रही. इस तरह देखा जाए तो बीते तीन माह में थोक महंगाई दर में तेज वृद्धि दर्ज की गई है.

पेट्रोल-डीजल ने सबसे ज्यादा रुलाया

मार्च में प्राइमरी गुूड्स यानी खाद्य श्रेणी में महंगाई दर फरवरी की तुलना में मात्र 0.55% की महंगाई दर्ज की गई है. जबकि कच्चे तेल में यह दर 8.64% रही है. वहीं प्राकृतिक गैस और गैर-खाद्य वस्तु श्रेणी में ये 1.9% और 0.35% रही है.

कोयले के दाम घटे
देश में कोयले की मंहगाई दर फरवरी के मुकाबले मार्च में घटी है. कोयला श्रेणी में थोक महंगाई दर में 0.08% की गिरावट दर्ज की गई. जबकि मैन्युफैक्चर्स गुड्स में थोक महंगाई दर में 1.27% की बढ़त दर्ज की गई है.