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कोरोना से जंग जीत गई 21 दिन की बच्ची, पर अब मां की गोद नहीं रही

प्रयागराज की रहने वाली रूही ने 2 मई को बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का टेस्ट किया गया तो वो भी कोरोना पॉजिटिव थी. इसी दौरान बच्ची को जन्म देने के 2 दिन बाद रूही का कोरोना से निधन हो गया था.

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महज 18 दिन की बच्ची ने कोरोना से जंग जीत ली है. हालांकि बच्ची भले ही कोरोना को हराकर अब घर चली गई है लेकिन उसे मां की गोद नसीब नहीं होगी क्योंकि उसे जन्म देने के 2 दिन बाद ही मां की कोरोना से मौत हो गई थी.

भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में रूही खान को भर्ती किया गया था. रूही 35 हफ्ते की गर्भवती थी और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली थीं, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने के बाद रूही को प्रयागराज के किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया था.

लिहाज़ा उनके पति रूही को लेकर 700 किलोमीटर दूर भोपाल पहुंचे, जहां पीपुल्स अस्पताल में रूही को भर्ती किया गया. अस्प्ताल में भर्ती करते समय रूही का ऑक्सीजन लेवल 80 पर था. रूही ने 2 मई को बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का टेस्ट किया गया तो वो भी कोरोना पॉजिटिव थी. लिहाज़ा डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई. इसी दौरान बच्ची को जन्म देने के 2 दिन बाद रूही का कोरोना से निधन हो गया.

इसके बाद कोरोना पॉजिटिव बच्ची की देखरेख डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और दूसरे कर्मचारियों ने पूरे 18 दिन तक बच्ची का दिन रात ध्यान रखा और उसका इलाज भी जारी रखा. आखिरकार 18 दिन बाद बच्ची ने कोरोना को हरा दिया. डॉक्टर ने बताया जब बच्ची पैदा हुई थी उसका वजन बहुत कम था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी RTPCR रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गई. डॉक्टरों को इस बात की खुशी है कि नवजात को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में सफलता मिली है. डिस्चार्ज के समय बच्ची का वजन ढाई किलो है जो एक स्वस्थ बच्चे का होता है और अब उसकी सांस भी नॉर्मल हो गई है.

बच्ची को उसके पिता और परिवार को सौंपने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग खुद अस्पताल पहुंचे और बच्ची को उसके पिता हाशमी को सोपते हुए कहा कि ‘हमें बहुत खुशी ही नहीं अपितु पीपुल्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स, नर्सिंग पेरामेडिकल एवं अन्य सहयोगी कर्मचारियों पर गर्व हो रहा है कि उन्होंने बहुत अच्छा कार्य किया और इतनी छोटी बच्ची को कोरोना से ठीक कर दिया’.