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कोरोना संकट के बीच पिछले साल मुकेश अंबानी ने नहीं ली सैलरी, जानें कितने का है पैकेज?

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोई वेतन नहीं लिया. हालांकि कोरोना संकट वाले साल में भी मुकेश अंबानी की अपनी नेटवर्थ लगातार बढ़ती रही है.

देश में कोविड-19 महामारी की भयावहता को देखते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोई वेतन नहीं लिया. हालांकि कोरोना संकट वाले साल में भी मुकेश अंबानी की अपनी नेटवर्थ लगातार बढ़ती रही है. गौरतलब है कि पिछले कई साल से मुकेश अंबानी सालाना 15 करोड़ रुपये की सैलरी ले रहे थे.

रिलायंस के शेयरों के दाम बढ़ते जाने से पिछले एक हफ्ते में ही मुकेश अंबानी के अपने नेटवर्थ में 8.2 अरब डॉलर (करीब 52,621 करोड़ रुपये) का इजाफा हुआ है. पिछले कई साल से उनके वेतन में कोई बदलाव नहीं हुआ है. कंपनी ने बुधवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना संकट की वजह से मुकेश अंबानी ने कोई सैलरी नहीं ली. शेयरधारकों को भेजे लेटर में मुकेश अंबानी ने कहा है कि कोविड महामारी ने बहुतों का जीवन बर्बाद कर दिया है और इससे देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पर भी काफी असर पड़ा है.

अन्य डायरेक्टर्स ने लिया इतना वेतन

अगर कंपनी के अन्य अधिकारियों की बात करें तो एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निखिल आर. मेसवानी ने सालाना कुल 24 करोड़ रुपये का पैकेज लिया है और एक अन्य डायरेक्टर हितल आर मेसवानी ने भी सालाना 24 करोड़ रुपये का पैकेज हासिल किया है.

कंपनी के डायरेक्टर PMS प्रसाद को सालाना करीब 12 करोड़ रुपये की सैलरी मिली है, जबकि पवन कुमार कपिल को 4.24 करोड़ रुपये की सैलरी. इन दोनों डायरेक्टर्स को कमीशन के रूप में भी करीब 17.28 करोड़ रुपये मिले हैं, जो उनकी सैलरी का बड़ा हिस्सा है.

आरआईएल की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कंपनी की वेतन नीति इस तरह की है कि उपलब्धियों की समीक्षा के बाद प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किया जाए.’

एक हफ्ते में 52 हजार करोड़ से ज्यादा बढ़ा धन

गौरतलब है कि मुकेश अंबानी ने भले ही पिछले वित्त वर्ष में कोई सैलरी न ली हो, लेकिन रिलायंस के शेयरों में उछाल की वजह से उनका अपना नेटवर्थ लगातार बढ़ता गया है. वह दुनिया के धनी लोगों के पायदान में एक स्थान और ऊपर 12वें स्थान पर पहुंच गए हैं. पिछले एक हफ्ते में ही उनका वेल्थ करीब 7.2 अरब डॉलर (करीब 52,621 करोड़ रुपये) बढ़कर 84.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.