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सरकार गठन के बीच पीएम से मिले बीजेपी नेता, उत्तराखंड में धामी रेस में आगे, यूपी में डिप्टी सीएम पर फंसा पेंच

उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री बी एल संतोष भी शामिल हुए। पिछले दिनों संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की थी जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई। मणिपुर में भाजपा ने एक बार फिर एन बिरेन सिंह पर भरोसा जताया है और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। वह फिर से राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

गोवा में प्रमोद सावंत का सीएम बनना लगभग तय

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में सरकार गठन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया। हालांकि इस बैठक के फलसफे के बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और गोवा में प्रमोद सावंत का फिर से मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है। उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री को लेकर पेंच अभी तक फंसा हुआ है। क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। वह और दिनेश शर्मा निवर्तमान सरकार में उपमुख्यमंत्री थे।

उत्तराखंड में सीएम पद पर असमंजस, आज विधायक दल की बैठक

मामला उत्तराखंड का फंसा है, जहां भाजपा ने लगातार दो चुनाव जीत कर ऐतिहासिक सफलता तो हासिल की लेकिन इस पहाड़ी राज्य में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। वजह है, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चुनाव हार जाना। वह खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। बहरहाल, उत्तराखंड में सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। देहरादून में होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी सह पर्यवेक्षक के रूप में शिरकत करेंगे। उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला सोमवार को हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो इस दौड़ में कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे आगे हैं।

शाह के आवास पर भी उत्तराखंड सीएम पर हुआ मंथन

उत्तराखंड में सीएम पद की कवायद रविवार को अंतिम दौर की ओर पहुंचती दिखाई दी। शाह के आवास पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस बैठक में प्रदेश भाजपा के नेताओं से भावी मुख्यमंत्री के नाम को लेकर रायशुमारी की। इस बैठक में शाह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी मौजूद थे। इन नेताओं ने धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से भावी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार विमर्श किया। बैठक के बाद धामी ने बताया कि सोमवार को विधायक दल की बैठक होगी और इसमें मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि वह इसके लिए देहरादून रवाना हो रहे हैं। कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को विधानसभा में सभी नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और इसके बाद विधायक दल की बैठक होगी।

आज की बैठक में फाइनल हो जाएगा उत्तराखंड का सीएम

देहरादून में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि भाजपा ने अपने ​नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक यहां राज्य मुख्यालय में सोमवार को चार बजे बुलाई है। इस बैठक में नए नेता का चयन किया जाएगा। शाह के आवास पर हुई बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि कई विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट खाली करने का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के अनुसार चौबट्टाखाले के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं।

धामी सीएम की रेस में क्यों आगे, जानिए 2 बड़ी वजह

1. प्रदेश में 14 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के इस माह घोषित परिणामों में भाजपा 70 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने जा रही है। ‘उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार’ के नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने वाली भाजपा को धामी के अपनी परंपरागत सीट खटीमा से हारने के बाद नेतृत्व को लेकर नए सिरे से निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा है। भाजपा की उत्तराखंड इकाई के सूत्रों ने कहा कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की।

2. पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। एक भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी सीट गंवाने वाले केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो धामी को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया जा सकता है? हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अगर पार्टी किसी नए चेहरे का चयन करने का फैसला लेती है तो क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाना काफी अहम होगा।

जातीय समीकरण को तवज्जो दी, तो ये हो सकते हैं सीएम

कुमाऊं के एक ब्राह्मण नेता अजय भट्ट को पहले ही केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया जा चुका है, ऐसे में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बैठाने के लिए गढ़वाल के एक ठाकुर या राजपूत नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सतपाल महाराज या धन सिंह रावत, जो गढ़वाल के प्रमुख ठाकुर नेता हैं, मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा बनकर उभर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगले सप्ताह पार्टी तीनों राज्यों में सरकार गठन की प्रक्रिया को पूरी कर लेगी।