गुजरात | चुनाव से पहले बीजेपी को अलविदा कहने वाले जय नारायण व्यास ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। जय नारायण व्यास अपने बेटे समीर व्यास के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। केशुभाई पटेल और नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे तो व्यास उनके मंत्रिमंडल में भी रहे थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत की मौजूदगी में व्यास और उनके बेटे समीर व्यास को पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। वह गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके थे।
जय नारायण व्यास चार बार सिद्धपुर सीट से विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। तभी से उनकी नाराजगी चल रही है। ऐसा कहा जाता है कि विजय रुपाणी के सीएम बनने के बाद व्यास को गुजरात की सियासत में किनारे कर दिया गया था। 1990 के चुनाव में बीजेपी को 67 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को 33 और जनता दल को 70 सीटों पर कामयाबी मिली थी। चिमनभाई पटेल सीएम बने।,हालांकि इन चुनावों में जय नारायण व्यास सिद्धपुर से पहली बार चुने गए। वे विपक्ष के विधायक और पार्टी नेता के तौर पर काम करते रहे। इसके बाद 1995 और 1998 के चुनावों में व्यास जीते और विधानसभा पहुंचे, लेकिन वे 2002 के चुनाव में हार गए। इसके बाद भी वे पार्टी के लिए काम करते रहे। जब गुजरात की सियासत में नरेंद्र मोदी की वापसी हुई और वे मुख्यमंत्री बने तो का फिर से संपर्क बढ़ा। अतीत में व्यास एक ब्यूरोक्रेट रह चुके थे। गुजरात के मुद्दों की उन्हें अच्छी समझ थी। व्यास 2007 में फिर सिद्धपुर से लड़े और जीत कर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन गए।