नौसेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग ओडिशा में INS चिल्का में जारी है। नौसेना भी इस प्रक्रिया पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। नौसेना के लिए अग्निवीरों के पहले बैच में 3000 ट्रेनी शामिल हैं।
भारतीय सेना में महिलाओं के लिए संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि महिलाएं नौसेना के विशेष बलों या एलीट स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा बन सकेंगी। खास बात है कि सेना, नौसेना और वायुसेना की स्पेशल फोर्सेज में कुछ चुनिंदा जवान ही पहुंचते हैं। तीनों सेवाओं में सबसे पहले नौसेना ने महिलाओं को यह मौका दिया है।
मामले के जानकार एक अधिकारी ने बताया, ‘अगर महिलाएं जरूरी मानदंड पूरे करती हैं, तो नौसेना में अब मरीन कमांडो (Marcos) बन सकेंगी। यह भारतीय सेना के इतिहास में एकदम नया है। कोई भी स्पेशल फोर्सेज यूनिट्स के लिए सीधे नहीं गया है। लोगों को खुद ही इसके लिए सामने आना होगा।’ एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अगले साल अग्निवीर के तौर पर शामिल होने वाली महिलाएं और नाविक मार्कोस के लिए प्रयास कर सकेंगे।
फिलहाल, नौसेना के अग्निवीरों की ट्रेनिंग ओडिशा में INS चिल्का में जारी है। नौसेना भी इस प्रक्रिया पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। नौसेना के लिए अग्निवीरों के पहले बैच में 3000 ट्रेनी शामिल हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या 341 है। नौसेना ने भी महिला सैनिकों की सुविधा के लिए INS चिल्का पर कई उपाय किए हैं। इनमें सैनिटरी पैड वेंडिंग और डिस्पोजल मशीन, अलग से भोजन की जगह शामिल हैं।
खास बात है कि नौसेना में महिलाओं के लिए स्पेशल फोर्सेज की विंग ऐसे समय पर सामने आई है, जब नेवी में महिलाओं की PBOR के तौर पर एंट्री होने जा रही है। एलीट फोर्सेज में शामिल होने के लिए उन्हें कठिन ट्रेनिंग से गुजरना होता है। अब तक यहां पुरुष सैनिकों का दबदबा है।
एक ओर जहां सरकार और सशस्त्र बल सेना में जेंडर न्यूट्रैलिटी को लेकर काम कर रहे हैं। वहीं, महिलाओं को भी सेना का हिस्सा बनाने में कोर्ट ने जरूरी भूमिका निभाई है। बीते कुछ सालों में अदालतों ने ऐसे कई फैसले दिए हैं, जिनके बाद महिलाओं को स्थायी रूप से शामिल करने से रोकने वाले कई नियमों में बदलाव हुए।