भारतीय रेलवे की कमाई में बंपर बढ़ोतरी देखी गई है। कोरोना महामारी के दौरान ठप पड़ी रेलवे ने कमाई के मामले में अपनी रफ्तार फिर से पकड़ ली है। यात्रियों के सफर से लेकर माल ढुलाई मामले में रेलवे की आय में बढ़ोतरी हुई है। रेलवे ने इस वित्त वर्ष के 9 महीने में ही वर्ष 2021-22 की कुल कमाई के पार पहुंच गई है। जबकि अभी इस वित्त वर्ष को खत्म होने में तीन माह बचे हुए हैं। केंद्रीय बजट के दो सप्ताह पहले यह आंकड़े सामने आए हैं, जब रेलवे ने बजट आवंटन बढ़ाए जाने की मांग की है।
रेल मंत्रालय का कहना है कि रेलवे ने इस वित्त वर्ष में अब तक 1.91 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि रेल मंत्रालय की अब तक की कमाई पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 42,370 करोड़ रुपये ज्यादा है।’ रेलवे की यह उपलब्धि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के पूरा होने से 71 दिन पहले हासिल की गई है।
हालांकि किस मद से कितनी कमाई भारतीय रेलवे को हुई है, इसके सही आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं। लेकिन यह अनुमान है कि माल ढुलाई से 1.3 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है। वहीं यात्री किराये से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाई हुई है। शेष कमाई कोचिंग, पार्सल सेवाओं और अन्य प्राप्तियों से हुई है। रेल मंत्रालय ने 19 जनवरी तक 11,850 लाख टन कच्चे माल और वस्तुओं की ढुलाई की है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आठ फीसदी ज्यादा है। बहरहाल ढुलाई की दूरी बढ़ने और नए बने ज्यादा क्षमता वाले विशेषीकृत वैगनों से सरकार को पिछले साल की समान अवधि की तुलना में राजस्व में 17 फीसदी वृद्धि करने में मदद मिली है, भले ही माल ढुलाई में मामूली वृद्धि हुई है।
रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि शुद्ध टन किलोमीटर (एनटीकेएम), जिसका इस्तेमाल रेलगाड़ी द्वारा तय की गई दूरी की गणना में होता है, पिछले 12 महीनों में 12 फीसदी बढ़ा है। इसी के अनुरूप प्रति एमटी राजस्व भी 101 करोड़ रुपये बढ़कर 108 करोड़ रुपये हो गया है। रेलवे के माल ढुलाई बास्केट में कोयला प्रमुख बना हुआ है। रेलवे ने ढुलाई में विविधीकरण लाने की कवायद की है, इसके बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। हाल ही के आंकड़ों से पता चलता है कि कोयले की ढुलाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 620 लाख टन ज्यादा है, जबकि कुल माल ढुलाई में 800 लाख टन की बढ़ोतरी हुई है। लौह अयस्क और स्टील दोनों की ढुलाई पिछले साल की तुलना में कम हुई है, जबकि अन्य जिंसों की ढुलाई मामूली बढ़ी है।