2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर करना चाहती हैं। ऐसे में एक बार फिर से विपक्षी एकता के नारे बुलंद होने लगे हैं। इसकी बानगी हाल ही में तेलंगाना सीएम चंद्रशेखर राव की खम्मम में हुई मेगा रैली में दिखाई दी।
रैली में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तक शामिल हुए। इस रैली के जरिए देश को विपक्षी एकता और भाजपा को बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई। हालांकि, चुनाव से पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के रुख ने विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एकला चलो रे की राह पर कांग्रेस
केसीआर की रैली में शामिल हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कांग्रेस 2024 चुनाव से पहले अकेले चलने की राह पर है। उन्होंने कहा, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के बीच एक समन्वय टीम और अन्य राज्यों में एक संयुक्त कार्यक्रम की पहल की थी। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। दरअसल, ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के बीच एकजुटता के लिए समन्वय टीम बनाने की पहल की है। इसके अलावा उन्होंने खास तौर पर भाजपा शासित राज्यों में विपक्षी दलों की संयुक्त रैली आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा है।
कांग्रेस ने लॉन्च किया हाथ से हाथ जोड़ो अभियान
उधर, कांग्रेस पार्टी अपने भारत जोड़ो अभियान से मिल सही प्रतिक्रिया से उत्साहित है। पार्टी का दावा है कि इस यात्रा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया और तो और राहुल गांधी की छवि भी गंभीर राजनेता वाली बन गई है। पार्टी अब लोकसभा चुनाव में इसे भुनाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की घोषणा कर दी है, इसका लोगो भी लॉन्च कर दिया गया है।