विदेश

नौ घंटे में दूसरी बार तेज भूकंप से थर्राया तुर्की

तुर्की में सोमवार को दोबारा भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस बार रिक्टर पैमाने  पर तीव्रता 7.5 मापी गई। भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार तीन बजकर 54 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था।

वहीं, तुर्की की एक समाचार एजेंसी ने देश की आपदा एजेंसी का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी कि दक्षिणी तुर्की में कहारनमारास प्रांत के एलबिस्तान जिले में 7.6 तीव्रता का एक और ताजा भूकंप आया है। इसका असर सीरिया के दमिश्क, लताकिया अन्य सीरियाई प्रांतों में भी महसूस किया गया।

इससे पहले सुबह छह बजकर 58 मिनट पर आए भूकंप के झटकों से तुर्की, सीरिया में 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों इमारतें जमीदोज हो गईं और हजारों लो घायल हुए हैं। ऐसे में कुछ ही घंटों बाद आए इस दूसरे तेज झटके ने सरकार और प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

 

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जान-माल के नुकसान से दुखी: पीएम मोदी
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है। भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। 

एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि यह जानकर गहरा दुख हुआ कि विनाशकारी भूकंप ने सीरिया को भी प्रभावित किया है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। हम सीरियाई लोगों के दुख को साझा करते हैं और इस कठिन समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया कि तुर्किये में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं। इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की।

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भारत तत्काल भेजेगा मदद
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।