भोपाल

​​​​दिग्विजय बोले- कांग्रेसी दोस्त ही मेरे खिलाफ माहौल बनाते हैं:कहते हैं- मैं वोट काटता हूं; उमा भारती भी BJP की ट्रोल आर्मी से हैरान

मध्यप्रदेश की राजनीति के दो दबंग राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री इन दिनों अपने विरोधियों से कम, अपनी पार्टी के लोगों से ही ज्यादा परेशान हैं। BJP की फायर ब्रांड नेता कही जाने वाली उमा भारती सार्वजनिक तौर पर ट्वीट कर ये कह चुकीं हैं कि BJP की ट्रोल आर्मी उनके खिलाफ ट्रेंडिंग और ट्रोलिंग करती है।

उमा के इस बयान के बाद अब कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने कहा- मेरे खिलाफ माहौल चलता है। मीडिया चलाती है, भाजपा चलाती है और कांग्रेस के मेरे कुछ मित्र चलाते हैं कि दिग्विजय सिंह को मत भेजिए, इनसे वोट कट जाएंगे। मैंने दौरा किया, मैंने प्रचार किया और कांग्रेस की सरकार बन गई। अब आप बताइए कि वोट कटे या जुडे़।

अब जानते हैं कि दिग्विजय ने क्यों कहा, कांग्रेस के मित्र मेरे खिलाफ माहौल चलाते हैं…

दरअसल, दिग्विजय सिंह आए दिन अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह का एक VIDEO सामने आया था। इसमें वह रहे थे कि जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को भी मिले, जिताओ, मेरा काम केवल एक है। कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं जाता नहीं। इस VIDEO में चर्चा के दौरान दिग्गी और कांग्रेस के ही कार्यकर्ता मौजूद थे।

VIDEO वायरल होने के बाद दिग्गी चौतरफा घिर गए थे। हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए गए दिग्विजय सिंह के बयान के बाद कांग्रेस नेताओं के किनारा करने को लेकर भी दिग्गी अकेले पड़ गए थे। दिग्गी ने ये बयान देकर ऐसे कई नेताओं को ये संदेश दिया है कि उनके खिलाफ जो बातें कांग्रेस से ही फैलाई जाती हैं, उन पर दिग्गी की नजर रहती है।

उमा ने कहा था- BJP के ही कुछ लोग उनके खिलाफ ट्रोलिंग करते हैं

31 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल के अयोध्या नगर चौराहे पर स्थित मंदिर में मीडिया से चर्चा के दौरान सार्वजनिक तौर पर कहा था, मैं मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री बन गई। अब कौन सा पद …सिर्फ प्रधानमंत्री का पद बचता है। उस पर सब नहीं बैठ सकते। क्या शराबबंदी से मुझे वो पद मिल जाएगा। BJP के एक सेक्शन ने फैलानी शुरू की है ये बात। इनकी आदत है मीडिया से दबाव बनवा दो, ट्रेंडिंग कर दो, ट्रोलिंग कर दो। फिर हमने भी तय किया है कि ट्रेंडिंग और ट्रोलिंग पर ऐसी धूल फेकेंगे कि भागते फिरेंगे। हम भी ट्रोलिंग करेंगे। अगर सोशल मीडिया पर ही वॉर छेड़ना है, तो फिर हो जाओ तैयार।

उमा भारती के इस बयान के मायने

दरअसल, पिछले दिनों भोपाल में BJP की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में शामिल होने के लिए पूर्व CM उमा भारती भी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचीं। कुछ देर रुककर उमा भारती भाजपा कार्यालय से रवाना हो गईं। उमा के रवाना होने के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज सामने आया कि उमा बिना बुलाए प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पहुंची थीं। इसकी जानकारी उमा भारती को लगी, तो वे आग बबूला हो गईं। उमा ने ट्वीट कर ऐसी अफवाह फैलाने वालों को आडे़ हाथ लिया।

उन्होंने 25 जनवरी को ट्वीट कर लिखा- लगता है मध्यप्रदेश में 2018 का माहौल आ गया है। जब हमारे जैसे लोगों को लेकर झूठी बातें फैलाई जाती थीं। मैं मध्यप्रदेश से भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हूं। इस नाते से मैं मध्यप्रदेश की कार्यकारिणी में स्थायी आमंत्रित सदस्य हूं, इसलिए मैं कल प्रदेश कार्यसमिति में थोड़ी देर के लिए मध्यप्रदेश भाजपा का सम्मान रखने के लिए गई, क्योंकि यह चुनावी वर्ष है।

सोशल मीडिया पर जानबूझकर फैलाया जा रहा है कि मैं बिना बुलाए बैठक में गई। मैं डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट को आगाह करूंगी कि ऐसी झूठी बातें फैलाने से भाजपा को दुश्मनों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आप जैसे लोग ही काफी होंगे। पढ़ लिख कर, समझ बूझकर अफवाह फैलाइए, मूर्खता मत करिए।

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने ही क्यों घेर रहे हैं?

उमा भारती शराबबंदी के मुद्दे को मुखरता से बीते दो साल से उठा रही हैं। MP के साथ ही उमा UP से भी विधायक और सांसद रह चुकी हैं। MP की CM और केंद्र में मंत्री बनने के बाद अब उमा फिलहाल BJP के संगठन और सरकार में किसी पद पर नहीं हैं। उमा BJP के नेतृत्व पर खुलकर हमले कर रही हैं। कभी शिवराज सिंह चौहान के लिए सिरदर्द रहने वाली उमा अब उन्हें अपना बड़ा भाई बताते हुए आशीर्वाद दे रही हैं, लेकिन उमा की मुखरता BJP के नेताओं को रास नहीं आ रही। लिहाजा कई मर्तबा उमा पर अपने ही अंदरखाने से हमले करा देते हैं। अंदर से निकली बातें जैसे ही गलियारों में सामने आतीं हैं। उमा के तेवर और उग्र हो जाते हैं।

दिग्विजय सिंह दस साल तक MP के CM रहे, लेकिन 2003 में करारी हार के बाद उन्होंने 10 साल तक चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था। दिग्गी ने उस संकल्प को निभाया भी, लेकिन कई बार बयानों के कारण दिग्गी की छवि हिंदू विरोधी बनती गई। 2018 के चुनाव के पहले दिग्गी ने 3300 किलोमीटर की पैदल नर्मदा परिक्रमा की। इसके बाद कांग्रेस की सरकार भी बनी, लेकिन दिग्गी के ऊपर सार्वजनिक तौर पर सुपर CM बनकर कमलनाथ सरकार को चलाने के आरोप लगे। कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने दिग्गी के खिलाफ बयान दिए। कई बार दिग्गी के खिलाफ माहौल बनाने में कांग्रेस के लोग ही ज्यादा सक्रिय रहते हैं।