देशभर में शिव-पार्वती के विवाह उत्सव शिवरात्रि की धूम है। काशी, महाकाल, हरिद्वार, ओंकारेश्वर, सोमनाथ समेत सभी ज्योतिर्लिंगों और छोटे- बड़े शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। उत्तरप्रदेश के वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए पूरी रात भक्त लाइन में लगे रहे। वाराणसी पुलिस का दावा है कि सुबह 10 बजे तक 3 लाख भक्त दर्शन कर चुके हैं। ऐसा ही हाल उज्जैन में महाकाल का है। यहां भी तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे।
उधर, गुजरात के धर्मपुर में 31 लाख रुद्राक्षों से 31.5 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाया गया। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की 2 किमी लंबी लाइन देखी गई। भीड़ को देखते हुए मंदिर के पट तड़के 3 बजे खोल दिए गए थे।
उज्जैन का महाकाल मंदिर: दूल्हे का श्रृंगार किया, गुलाबी रंग का सेहरा बांधा
श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतार की वजह से महाकाल मंदिर के पट शनिवार सुबह 2:30 बजे ही खुल गए थे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती की गई। चार बजे से भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया।
जिन्हें पास मिले हुए थे, उन्होंने गर्भगृह के करीब गणेश मंडपम में बैठकर भस्मारती के दर्शन किए। जबकि, आम श्रद्धालुओं ने छत के रास्ते कार्तिक मंडपम से भस्मारती दर्शन किए। सुबह बाबा महाकाल का दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया है। उन्हें गुलाबी रंग का सेहरा बांध गया।
मंदिर में दर्शन का सिलसिला 19 फरवरी की रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होने तक यानी 44 घंटे तक चलता रहेगा। इस दौरान चार प्रहर भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। पट खुलने से पहले ही रात से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। जैसे-जैसे समय बितता गया दर्शनों के लिए भक्तों की कतार भी लगातार बढ़ती चली गई। 19 फरवरी को सुबह 11 बजे महाकाल का सेहरा उतारा जाएगा। उनके स्वर्ण आभूषण लॉकर में रखकर सील किए जाएंगे। दोपहर 12 बजे से भस्म आरती होगी, जो साल में एक बार ही दिन में होती है।