मध्य प्रदेश

सागर में पानी, बिजली के लिए आदिवासियों का चक्काजाम:सुनवाई नहीं होने पर कलेक्टर कार्यालय के सामने सड़क पर बैठे, बोले- मांगें जल्द पूरी करो

सागर में पानी, बिजली, सड़क की मांग को लेकर आदिवासियों ने चक्काजाम कर दिया। वे कलेक्टर कार्यालय के सामने मुख्य सड़क पर बैठ गए। चक्काजाम से सिविल लाइन से बस स्टैंड की ओर जाने वाले मार्ग पर यातायात बाधित हुआ। सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश दी। करीब एक घंटे की समझाइश के बाद वे माने, तब जाकर चक्काजाम खत्म हुआ और यातायात बहाल हो सका। दरअसल, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के नेतृत्व में मंगलवार को देवरी के रमखिरिया, झमारा और केसली क्षेत्र के जमुनिया चिखली, अर्जुंदा, बंडा के ग्राम पंचायत पड़वार के लोग अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने अपने गांवों में बिजली, पानी, सड़क की सुविधा कराए जाने की मांग करते हुए आवेदन सौंपा। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में बिजली, सड़क और पानी की व्यवस्था नहीं है। लोग परेशान हो रहे हैं। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे। शासन, प्रशासन से कई बार शिकायत की। सुविधाएं उपलब्ध कराने मांग की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

इसी को लेकर गांवों से आए महिला, पुरुषों ने कलेक्टर कार्यालय के गेट नंबर-2 के सामने सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाने और मांगे तत्काल पूरी कराने की बात कही। चक्काजाम की सूचना मिलते ही डिप्टी कलेक्टर भाव्या त्रिपाठी, एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा, सीएसपी यश बिजोरिया समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। चक्काजाम कर रहे लोगों को समझाइश देकर शांत कराया। अफसरों ने कहा कि उनकी मांगें मूलभूत हैं। जिनका जल्द ही निराकरण कराया जाएगा। 14 सितंबर को पीएम दौरे के बाद संबंधी ग्रामों में सर्वे करवाया जाएगा। जिसके बाद समस्याओं का समाधान किया जाएगा। आश्वासन के बाद ग्रामीण माने और चक्काजाम खत्म किया।
सुनवाई नहीं होने पर करना पड़ा चक्काजाम
ग्रामीणों ने बताया कि देवरी ब्लाक की ग्राम पंचायत रमखिरया और झमारा में शासन की कोई भी योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। पंचायतों के सरपंचों के खाते होल्ड कर दिए गए हैं। यहां पर न तो आवागमन के लिए सड़क हैं और न ही बिजली की व्यवस्था है। पीने के लिए पानी भी नहीं मिल रहा। कुछ समय पहले आवेदन देकर गांव में सौर ऊर्जा की व्यवस्था कराने की मांग की थी। लेकिन प्रशासन ने सुनवाई नहीं की। ग्रामीण लंबे समय से समस्याओं से परेशान हैं। इसलिए मजबूरन चक्काजाम करना पड़ा।