गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा से भाजपा की पूर्व विधायक ममता मीणा ने मंगलवार को पार्टी से अलविदा कह दिया। चांचौड़ा सीट पर भाजपा का टिकट घोषित ही जाने के 32 दिन बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वे मंगलवार शाम को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पहुंचीं। उन्होंने भोपाल पहुंचकर प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी को इस्तीफा सौंपा। वह चांचौड़ा सीट से घोषित हुए प्रत्याशी पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही थीं। सूत्रों के अनुसार वह आम आदमी पार्टी जॉइन कर सकती हैं। दिल्ली में वह अरविंद केजरीवाल के समक्ष आप में शामिल हो सकती हैं।
भोपाल में इस्तीफा देने के बाद पार्टी कार्यालय के बाहर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि “समाज को एक साथ लेकर जात-पात से ऊपर उठकर पार्टी के लिये काम किया है। सर्व समाज को जोड़ा है। पार्टी से पुनर्विचार के लिए कहा था। चांचौड़ा में पांच मंडल आते हैं, पांचों मंडलों में से किसी भी कार्यकर्ता को टिकट दे दो, लेकिन मेरी बात पर किसी ने विचार नहीं किया। न ही मेरे पास किसी का फ़ोन आया, जबकि मैंने उनसे कहा था कि दुखी मन से मुझे दूसरा निर्णय लेना पडेगा, लेकिन उसके बाद भी मेरे पास किसी का फ़ोन नहीं आया। लगातार मेरी उपेक्षा हो रही है। जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर जिला, मंडल की बैठकें हुईं, लेकिन मुझे कोई सूचना नहीं दी गयी। मंडल अध्यक्ष, महामंत्री ने विधानसभा संयोजक से पूछा तो उनसे कहा गया कि जिलाध्यक्ष ने बुलाने से मना किया है।
मेरा जो भी कुसूर है, मुझे वो कुसूर बता देते। भले ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के गेट पर फांसी से लटका देते। जैसा कह रहे हैं कि अमित शाह का सर्वे है, उसमे मेरा नाम कटा है, जबकि मैंने दिन-रात गांव-गांव जाकर मेहनत की। चुनाव हारने के बाद भी हार नहीं मानी। सब के सुख-दुख में साथ खड़ी रही। तो कहां मेरा सर्वे खराब है। खामखेड़ा दरबार से जनादेश यात्रा निकाली, जन्मदिन पर हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए, तो कहां से सर्वे खराब है। मेरी पीठ पर इतने छुरे घोंप दिए कि मैं देख नहीं पा रही, कितने घाव हैं। लेकिन शेरनी, शेरनी ही रहेगी। मैंने चांचौड़ा में भगवा घर बनाया था। उसी घर में आज मुझे रहने देने की जगह नहीं है।”
उनके इस्तीफे के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि वह आम आदमी पार्टी जॉइन कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी नेतृत्व ने उनसे बड़ा वादा किया है। पहले यह बात सामने आई थी कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान चांचौड़ा आ सकते हैं। यहां बड़ा कार्यक्रम कर वह आप की सदस्यता लेंगी। लेकिन, आप नेतृत्व से उन्हें यहां आने का समय नहीं मिला। इस कारण अब वह दिल्ली जाकर आप में शामिल होंगी।
शुरुआत से ही ममता मीना अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं और विवादों में रही हैं। चांचौड़ा इलाके में अनेक ऐसे मौके आए, जब उनकी कार्यशैली और कुछ कार्य चर्चाओं का विषय बने। उनकी कार्यशैली के कारण पार्टी पर भी कई सवाल खड़े हुए। पढ़िये, कुछ ऐसे ही किस्से…
पूर्व CM दिग्विजय सिंह का काफिला रुकवाया
बात पिछले विधानसभा चुनाव की है। विधानसभा चुनाव की वोटिंग का दिन था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राघोगढ़ में वोट डालने के लिए आ रहे थे। वह भोपाल से कार से राघोगढ़ के लिए रवाना हुए। इसी बीच रास्ते में मधुसूदनगढ़ के आसपास उनके कुछ समर्थक खड़े थे। दिग्विजय सिंह उनसे बात करने रुक गए, तभी ममता मीणा और उनके कुछ समर्थक वहां पहुंच गए और दिग्विजय सिंह पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। सूचना पर प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। हालांकि, इस दौरान दिग्विजय सिंह अपनी कार में ही बैठे रहे। उन्होंने कहा कि वह केवल समर्थकों से मिलने रुके थे। इस दौरान काफी हंगामा सामने आया था।
दिलीप बिल्डकॉन के कर्मचारी से मारपीट के आरोप लगे
गुना-देवास नेशनल हाइवे का काम चल रहा था। दिलीप बिल्डिकॉन के पास नेशनल हाइवे बनाने का कॉन्ट्रैक्ट था। चांचौड़ा इलाके में हाइवे का काम चल रहा था। उसी दौरान कंपनी के एक कर्मचारी को बंधक बनाने और उससे मारपीट करने के आरोप भी इन पर लगे। आरोप था कि कर्मचारी से मारपीट की गई। सूत्रों की मानें तो CM शिवराज सिंह इस घटना से नाराज हुए। उन्होंने सीधे तो ममता मीणा से कुछ नहीं कहा, लेकिन किसी और से ये मैसेज जरूर भिजवाया था कि इस तरह का कार्य ठीक नहीं है।
प्रियंका मीणा के घर हमले का आरोप
बात पिछले वर्ष की है। पंचायत चुनाव से ठीक पहले प्रियंका मीणा के पेंची स्थित घर पर देर रात कुछ हमलावरों ने घुसकर घर में तोड़फोड़ कर मारपीट भी की। घर में रखा सामान तोड़ा गया। इसी घटना के बाद दोनों परिवार आमने-सामने हो गए थे। घर में घुसकर तोड़फोड़ और मारपीट के आरोप लगे। यह आरोप लगाए गए कि ममता मीणा के इशारे पर ही यह सब हुआ है। इसकी शिकायत भी पुलिस से की गई थी, लेकिन आज तक यह पता नहीं चल सका है कि हमला करने वाले कौन थे। उन्होंने किसके इशारे पर वारदात को अंजाम दिया था।
चांचौड़ा नगर परिषद में दूसरे का साथ दिया
पिछले वर्ष ही नगरपालिका और नगर परिषद के चुनाव थे। उस समय तक प्रबल राजपूत निक्की ममता मीना के करीबी हुआ करते थे। वह लंबे समेस के ममता मीणा से जुड़े थे। उनके परिवार का सदस्य वार्ड पार्षद का चुनाव जीता था। वह नगर परिषद अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे थे। सूत्रों की मानें तक अध्यक्ष के चुनाव में ममता मीणा ने प्रबल राजपूत के परिवार की जगह दूसरे कैंडिडेट का साथ दिया और उन्हें अध्यक्ष बनवाया। उसी समय से प्रबल राजपूत ममता मीणा से दूर हो गए। कहा गया कि ममता मीणा ने अपने वर्षों पुराने समर्थक की जगह दूसरे व्यक्ति को ज्यादा तरजीह दी।
पैसे मांगने का वीडियो वायरल हुआ
2022 में जिला पंचायत के चुनाव हुए। ममता मीणा वार्ड 18 से चुनाव जीतीं। उनके पति रिटायर्ड IPS रघुवीर सिंह मीणा वार्ड 16 से चुनाव जीते। चुनाव के बाद ममता मीना का एक वीडियो भी वायरल हुआ। इसमें वह इलाके के एक व्यक्ति से चुनाव में दिया हुआ पैसा वापस मांगते हुए दिखाई दे रही थीं। वायरल वीडियो में उन्होंने कहा था कि “मेरे पैसे दे दो, मैं 5 मिनट में घर से जा रही हूं। 50 हजार रुपए दिए, तब भी जेब में रखकर ले आए। उसके बाद 2 लाख फिर ले आए। मेरा पैसा लोहे का पैसा है, इतनी आसानी से पचा नहीं पाओगे। वोट डालने लायक नहीं रहने दूंगी। नीचे से पैर तोड़ दूंगी, वोट डालने जा ही नहीं पाओगे। धिक्कार है तुम लोगों पर। चुल्लू भर पानी में डूब के मर जाओ। जिंदगी भर का रिश्ता तोड़ने आयी हूं।”