भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल में भूपेंद्र विश्वकर्मा जैसा एक और सुसाइड केस उजागर:सायबर जालसाजों की ठगी के शिकार युवक ने की खुदकुशी, आखिरी वीडियो में बोला- धनी ऐप वालों ने ठग लिया

राजधानी के बैरसिया में सायबर जालसाजों की ठगी की प्रताड़ना से तंग आकर देव नारायण विश्वकर्मा ने फांसी ली। सुसाइड के पहले उसने वीडियो बनाया, जिसमें सुसाइड के लिए सायबर ठगों को जिम्मेदार बताया है। वीडियो में उसने धनी नाम के ऐप के जरिए 1.93 लाख रुपए की ठगी का जिक्र किया है। बैरसिया पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।

इससे पहले, सायबर जालसाजों की प्रताड़ना से तंग आकर रातीबड़ के रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा ने दो मासूम बच्चों को जहर देने के बाद पत्नी के साथ सुसाइड कर लिया था। सामूहिक खुदकुशी के बाद हरकत में आई पुलिस ने 6 सायबर ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

सायबर जालसाजों के चुंगल में फंसने के बाद लाखों रुपए गंवाने वाला देव नारायण विश्वकर्मा। तस्वीर खुदकुशी के कुछ दिन पहले की बताई जा रही है।
सायबर जालसाजों के चुंगल में फंसने के बाद लाखों रुपए गंवाने वाला देव नारायण विश्वकर्मा। तस्वीर खुदकुशी के कुछ दिन पहले की बताई जा रही है।

पिता बोले- पुलिस कहती है, शिकायत वापस लो
मैं फूल सिंह विश्वकर्मा ग्राम बरखेड़ा बरामद थाना क्षेत्र बैरसिया का रहने वाला हूं। गांव में बटिया पर जमीन लेकर किसानी करता हूं। मेरा बड़ा बेटा देव नारायण विश्वकर्मा है, जबकि बछोटा बेटा गोलू विश्वकर्मा है। बड़ा बेटा देव नारायण विश्वकर्मा मेरे ही साथ खेती में मदद करता था। हम गरीब लोग हैं, बमुश्किल गुजारा करते हैं। खेती ही आय का मुख्य स्त्रोत है। बड़े बेटे की अगस्त 2022 में शादी की थी।

उसकी आठ महीने की एक बेटी है, जिसका नाम परी है। बेटे के खर्च शादी के बाद बढ़ गए थे। वह खेती के साथ ही गांव में कुछ कारोबार कर आय बढ़ाना चाहता था। इसी बीच उसे वॉट्सऐप मैसेज कर कुछ लोगों ने बिना गारंटी के लोन देने की बात कही। उसने जालसाजों से लोन के लिए बात की। आरोपियों ने लोन देने के लिए प्रोसेसिंग फीस जमा करने का झांसा दिया।

उनके झांसे में आए बेटे ने कई बार में उन्हें पेटीएम के माध्यम से करीब 1.93 लाख रुपए ऑन लाइन ट्रांसफर कर दिए। उसे उम्मीद थी कि तीन लाख रुपए का लोन मिलेगा। इससे वह कुछ कारोबार कर लोन चुकता कर देगा। जालसाजों को रकम देने उसने घर में रखी कुछ रकम का इस्तेमाल किया। यह रकम हमें बटिया के बाद बेची फसल से मिली थी। कुछ रकम उसने उधार ली थी। जालसाज प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उससे लगातार रकम देने की मांग कर रहे थे।

उसकी मौत के बाद जो वॉट्सऐप चेट मिली हैं, उसमें इस बात की पुष्टि हुई है। आरोपियों ने बेटे को भरोसे में लेने के लिए फर्जी आई कार्ड और आधार कार्ड तक सेंड कर दिए थे। उसे बताया जाता था कि लोन पास होने के बाद उसकी रकम को भी साथ ही लौटा दिया जाएगा। 1.93 लाख रुपए लेने के बाद आरोपियों ने उसके मैसेज का रिप्लाई देना बंद कर दिया। उसको कॉल उठाना बंद कर दिए। कुछ दिन में वह नंबर भी बंद हो गए, जिससे आरोपी वॉट्सऐप पर चेट करते थे।

इससे बेटा तनाव में रहने लगा। हालांकि मौत से पहले उसने ठगी का जिक्र नहीं किया। मौत के बाद ही राज खुला। उसकी नव विवाहित पत्नी मौत के बाद से तनाव में है। न समय पर खाना खाती है और न बच्ची की देख रेख पर ध्यान रहता है। आए दिन उसकी याद में रोती बिलखती रहती है और गुमसुम हो चुकी है। उसका वजन लगातार गिर रहा है। देव नारायण की मां रातों को उसकी याद में उठकर रोती है। हर जगह उसे अपना बेटा ही दिखता है।

मैं हिम्मत कर परिवार को संभाले हुआ हूं…अंदर से टूट चुका हूं, पर परिवार के सामने हिम्मत के खड़ा रहता हूं। रातीबड़ में हुए इसी तरह के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया, लेकिन बेटे की मौत के मामले में पुलिस सुस्ती से जांच कर रही है। इसी साल 31 जुलाई को बेटे ने जान दी। डेढ़ महीने बाद भी पुलिस आरोपियों का सुराग तक नहीं जुटा सकी है। हम गरीब हैं, गांव में रहते हैं, हमारी ऊंची पहुंच नहीं है।

पुलिस कहती है कि शिकायत वापस ले लो। जांच ऐसे ही होती है। जब कुछ पता लगेगा, तो बताएंगे। मैं जो कर सकता हूं, कर रहा हूं। कलेक्टर की जनसुनवाई से लेकर तमाम जगह शिकायत कर चुका हूं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने वालों को सलाखों के पीछे देखना चाहता हूं। इसी आस में जी रहा हूं…हर रोज अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटता हूं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही, जबकि आरोपियों के सेंड किए दस्तावेज सहित वॉट्सऐप चेट से लेकर ऑन लाइन ट्रांसफर की रकम के तमाम प्रमाण मैं पुलिस को दे चुका हूं।

यह वह फर्जी आईकार्ड है, जिसे साइबर जालसाज ने देव नारायण विश्वकर्मा को सेंड किया था। जिससे उसे यकीन हो सके कि वह सही आदमी और सही कंपनी के संपर्क में है। इस कार्ड के साथ आरोपी ने आधार कार्ड, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज सेंड किए थे। पुलिस का मान्ना है कि सभी दस्तावेज फर्जी हैं। जो सिर्फ जालसाजी के लिए तैयार किए गए।
यह वह फर्जी आईकार्ड है, जिसे साइबर जालसाज ने देव नारायण विश्वकर्मा को सेंड किया था। जिससे उसे यकीन हो सके कि वह सही आदमी और सही कंपनी के संपर्क में है। इस कार्ड के साथ आरोपी ने आधार कार्ड, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज सेंड किए थे। पुलिस का मान्ना है कि सभी दस्तावेज फर्जी हैं। जो सिर्फ जालसाजी के लिए तैयार किए गए।

आखिरी वीडियो में क्या बोला देव नारायण विश्वकर्मा
मैं देव नारायण विश्वकर्मा यह धनी एप वालों ने मुझसे 1.93 हजार रुपए ट्रांसफर कराए हैं। लोन पास हुआ था तीन लाख रुपए का अब कंपनी वाले रिप्लाई नहीं करते। मैने जो रकम दी है, उसके तमाम प्रमाण मेरी वॉट्सऐप में हैं। फोन पे हिस्ट्री में भी रकम ट्रांसफर करने के प्रमाण मिल जाएंगे। मैं मर रहा हूं…इन लोगों पर केस चलाओ। इन्हें गिरफ्तार करो। मेरा अनुरोध है इन लोगों पर केस लगाइये, कार्रवाई करिये मेरी मौत के बाद।

थाना प्रभारी बोले मामले की जानकारी नहीं
बैरसिया थाने के प्रभारी एसआई दिलीप जयसवाल का ने बताया कि मामले में मर्ग कायम है। सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। सायबर पुलिस की भी मदद ली जा रही है।

इस वॉट्सऐप चेट से जाहिर होता है कि देव नारायण विश्वकर्मा को एहसास हो चुका था कि उसके साथ फ्रॉड किया जा रहा है। वह साइबर जालसाजों के चुंगल में फंस चुका है। वह अपने द्वारा ट्रांसफर किए अमाउंट की रसीद मांग रहा था।
इस वॉट्सऐप चेट से जाहिर होता है कि देव नारायण विश्वकर्मा को एहसास हो चुका था कि उसके साथ फ्रॉड किया जा रहा है। वह साइबर जालसाजों के चुंगल में फंस चुका है। वह अपने द्वारा ट्रांसफर किए अमाउंट की रसीद मांग रहा था।

यह था मामला
बैरसिया बरखेड़ा बरामद गांव में रहने वाला 24 साल का देव नारायण विश्वकर्मा किसानी करता था। 31 जुलाई को घर में फंदे पर झूल गया था। खुदकुशी के पहले उसने वीडियो बनाया था, जिसमें सायबर जालसाजों की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने की बात लिखी थी। युवक आठ महीने की एक बच्ची का पिता था। उसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी।