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जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में 15 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, 5 आरोपी दोषी करार

टेलीविजन जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन हत्याकांड में 15 साल बाद कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। दक्षिणी दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने पांचों आरोपियों को हत्या मामले में दोषी करार दिया है। अब पांचों दोषियों पर बहस गुरुवार, 26 अक्टूबर को होगी। साकेत अदालत ने बचाव एवं अभियोजन पक्षों की दलीलें सुनने के 13 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें, पत्रकार सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर 2008 को रात 3.30 बजे अपनी कार से घर लौट रही थीं, तभी उनपर हमला हुआ था और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।

दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर सौम्या विश्वनाथन अपनी कार में मृत पाई गईं थीं। इस हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने रवि कपूर, बलजीत मलिक, अमित शुक्ला,  अजय कुमार और अजय सेठी को अरेस्ट किया था। पुलिस ने पांचों पर Maharashtra Control of Organized Crime Act यानी मकोका लगाया था। पांचों आरोपी मार्च 2009 से ज्यूडिशियल कस्टडी में थे। 15 साल बाद कोर्ट अब उन्हें दोषी करार दिया है। कोर्ट 26 अक्टूबर के बहस के बाद जल्द ही सजा भी सुना देगी। वहीं बलजीत मलिक, रवि कपूर और अमित शुक्ला को साल 2009 में एक IT प्रोफेशनल जिगिशा घोष की मर्डर केस में भी दोषी करार दिया गया था। जिगिशा घोष की मर्डर में उपयोग हथियार की बरामदगी के बाद पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या का राज खुला था।

लोअर कोर्ट ने साल 2017 में जिगिशा घोष मर्डर केस में रवि कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 2018 में उच्च न्यायालय ने रवि कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था। लेकिन सौम्या विश्वनाथन मर्डर मामले में दिलचस्प बात यह रही कि आरोपियों ने मामले में अपने बचाव में कोई गवाह या सबूत कोर्ट में पेश नहीं किया। इसके बावजूद भी पुलिस को पांचों आरोपियों के बयान दर्ज करने में एक साल का समय लग गया। मार्च 2022 से मई 2023 तक कोर्ट के सामने सभी तथ्य पेश किए गए। इसके बाद अदालत में केस पर बहस हुई।