देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

मोदी की लखनऊ यात्रा-तुलसीदास के बहाने ब्राह्मण वोट को साधने की कोशिश में भाजपा

लखनऊ। अयोध्या के राम के बाद अब भाजपा तुलसी के राम को यूपी चुनाव में भुनाना चाहती है। मोदी की दशहरे के दिन लखनऊ यात्रा का मकसद तुलसीदास के बहाने यूपी के ब्राह्मण वोट को साधना ही है।
गौरतलब है कि लखनऊ के ऐश बाग में तुलसीदास द्वारा रामलीला का मंचन 16 वीं सदी में शुरू कराया था, तब से अब तक यहाँ रामलीला मंचन निरंतर जारी है। आज दशहरे के दिन मोदी इस स्थान पर आकर तुलसीदास को नमन करेंगे तथा रावणवध लीला में हिस्सा लेंगे।
भाजपा दीनदयाल उपाध्याय के बाद तुलसीदास के महिमामंडन के बहाने ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की कोशिश में है।
यूपी का ब्राह्मण अपने मताधिकार को लेकर असमंजस में है। पहलीं नजर में मायावती और बसपा उसे लुभा रही है लेकिन ब्राह्मण स्वाभिमान के कारण उसका रुझान भाजपा और कांग्रेस की तरफ भी दिख रहा है।
भाजपा के चुनाव रणनीतिकारों ने ब्राह्मण मतदाताओं के असमंजस को भांप लिया है लिहाजा पहले चंद्रशेखर आज़ाद,फिर रामप्रसाद बिस्मिल और दीनदयाल उपाध्याय के बाद अब तुलसीदास को भुनाने की कोशिश शुरू हुई है।
तुलसी और तुलसीदास की रामायण हर ब्राह्मण घर की शोभा होती है।
ब्राह्मण मत के संभावित विभाजन को रोकने के लिए मोदी का लखनऊ आना भाजपा की गंभीरता को इंगित करता है।
बहरहाल अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे ब्राह्मण मतदाताओं के लिए अब असमंजस से निकलना अनिवार्य है नहीं तो धीरे धीरे उनका महत्व और ताकत दोनों कम हो सकती है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline