प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश- संघ एवं भाजपा सरकार में टकराव क्यों?

भोपाल। बालाघाट,पेटलावद,के बाद अब उज्जैन में भी संघ और प्रशासन के बीच रस्साकसी शुरू हो गयी है। महाकाल मंदिर के ठीक सामने अवैध रूप से बन रही मस्जिद को लेकर संघ प्रशासन और पुलिस की भूमिका को लेकर खासा नाराज है। भाजपा सरकार में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा पूर्ण रवैये को लेकर आज उज्जैन में संघ के संरक्षण में हिंदू समाज के सभी वर्गों ने धरना दिया तथा मस्जिद के निर्माण को तत्काल रोकने की मांग की।

संघ और भाजपा सरकार में शीर्ष स्तर पर भले ही समन्वय बैठके होती हो लेकिन जमीनी स्तर पर सीधा टकराव नजर आ रहा है।
बालाघाट की घटना के बाद नवरात्रि एवं मुहर्रम एक साथ आने से प्रदेश में अनेक स्थानों पर तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हुई। इस दौरान पुलिस प्रशासन और हिंदूवादी संगठनों में तनातनी हुई और इसका असर भाजपा संघ के स्थानीय रिश्तों पर भी पड़ा।
संघ में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कतिपय भाजपा विधायकों एवं सांसदों की भूमिका को लेकर संघ में गहरी नाराजगी बन गयी है। तनाव और विवाद के अवसर पर इस नेताओ ने कन्नी काट ली और संघ के स्थानीय नेतृत्व को शर्मसार होना पड़ा है।
आखिर संघ और भाजपा शासन में यह टकराव क्यों है?।
गहराई से पड़ताल करने पर पता लगता है कि इसकी पार्श्वभूमि में सत्ता के अंतःपुर का संघर्ष है।
मुख्यमंत्री के निकटवर्ती सूत्रों के अनुसार संघ शिवराज की शासन व्यवस्था से नाखुश है खासकर उनके करीबी नौकरशाह उसके निशाने पर है।
यही अफसर शिवराज को संघ से जुड़े मामलो में नकारात्मक फीडबैक देते है।
शिवराज भी मालवा और मध्यभारत में संघ के दबदबे और उसके महत्वाकांक्षी प्रचारकों पर लगाम लगाना चाहते है ताकि उनकी कुर्सी को लेकर षड़यंत्र न रचे जा सके।
बहरहाल केंद्र,राज्य,और नगरीय निकायों तथा पंचायतों तक में सत्ता में होने के बाद भी संघ को धरना करना पड़े यह इस हिन्दू संगठन के लिए शर्म और विषाद का बायस है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline