देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश विधानसभा-पांच दिन का सत्र और ढाई हजार सवाल।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से 9 दिसंबर तक आहूत होगा। पांच दिनी सत्र के लिए विधायको के 2500 से ज्यादा सवालो का सरकार को उत्तर देना है। यानी पांच दिवसीय सत्र में प्रतिदिन 500 प्रश्न।
पहला दिन नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के निधन हो जाने पर शोक व्यक्त करने का रहेगा। सिर्फ़ चार दिन में सरकारी कामकाज भी होगा,अंतरिम बजट भी लाया जायेगा और नियमो के तहत मुद्दे भी सदन में आएंगे। पूर्व के सत्रों की तरह इस सत्र के भी हंगामे की भेंट चढ़ने की पूरी सम्भावना है।
गौरतलब है कि विपक्षी दल कांग्रेस भी स्थाई नेता प्रतिपक्ष के अभाव में दमदार विरोध की रणनीति नहीं बना पायी है। बाला बच्चन कार्यवाहक भूमिका में बेहतर साबित हुए है लेकिन कांग्रेस अभी तक इस पद को लेकर निर्णय नहीं कर पायी है। सभी दावेदार जोर आजमाइश में लगे है।
इस सत्र में भोपाल जेल तोड़ कांड और सिमी के आतंकवादियों के एनकाउंटर पर खूब हंगामा होना तय है। बालाघाट में संघ प्रचारक पिटाई कांड,पेटलावद प्रकरण,नोटबंदी,जैसे अनेक मुद्दे पर सरकार को पक्ष और विपक्ष दोनों को जबाब देना है।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने पार्टी लाइन के इतर अनेक सवाल लगाए है देखना है भाजपा संगठन इसे किस तरह हैंडल करता है।
सरकार की खास चिंता बजट है जो किसी भी तरह पास कराना है।
सरकार की रणनीति है कि सभी सरकारी कामकाज जल्द निबट जाए। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा,रामपाल सिंह,भूपेंद्र सिंह,गोपाल भार्गव,विश्वास सारंग सरकार के हरावल दस्ते में है,ये मंत्री ही विपक्ष के हमले का जबाब देंगे।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक सत्र को चलाने के पक्ष में है ताकि उनके प्रश्न पटल पर आ सके। अपने क्षेत्र में प्रशासन पर दबाब बनाने के लिए विधानसभा में प्रश्न उनका अचूक हथियार होते है।
यह जानना भी जरूरी है बीते दशक में विधायी कार्य लगातार कम होता जा रहा है। विधानसभा का सत्र निरंतर छोटा हो रहा है।
सरकार और विपक्ष कार्यमंत्रणा समिति में विधायी कार्य के प्रति निष्ठा और गंभीरता दिखाते है, लेकिन सदन के पटल पर यही निष्ठा जिद और गंभीरता हंगामे में बदल जाती है।
बहरहाल जनता की आवाज विधानसभा जनप्रतिनिधियों से सार्थक भूमिका की उम्मीद में तैयार है।
प्रकाश त्रिवेदी@samacharline