Aditya Trivediदेशधर्मं/ज्योतिष

आखिर क्यों ” कैलाश पर्वत ” पर चढ़ाई असंभव है ?

विशेष रिपोर्ट समाचार लाइन |

कैलाश पर्वत तिब्बत में स्थित  पर्वत श्रेणी है। इसके पश्चिम तथा दक्षिण में मानसरोवर तथा रक्षातल झील हैं। यहां से कई महत्वपूर्ण नदियां निकलतीं हैं – ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज इत्यादि। हिन्दू धर्म में इसे पवित्र माना गया है।

इस तीर्थ को गणपर्वत और रजतगिरि भी कहते हैं। कैलाश के बर्फ से आच्छादित 6,638 मीटर (21,778 फुट) ऊँचे शिखर और उससे लगे मानसरोवर का यह तीर्थ है और इस प्रदेश को मानसखंड कहते हैं।

माउंट एवेरेस्ट नेपाल में स्थित दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है जिसकी ऊंचाई 8,848 मीटर (29,029 फुट) है | सर्वप्रथम सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने इसे १९५३ ने इस चोटी पर चढ़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था | तभी से इस चोटी पर चढ़ने का फैशन सा हो गया है | हर वर्ष अनेक पर्वतारोही इस चोटी की चढ़ाई करते है , कई सफल भी होते है |

माउन्ट एवेरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची चोटी है और उस पर लोग चढ़ाई कर सकते है परन्तु कैलाश पर्वत , जिसकी ऊंचाई एवेरेस्ट से कम है , उस पर लोग क्यों नही चढ़ पाते ?

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार कैलाश पर्वत को शिवलोक माना गया है जहाँ भगवान शिव माता पार्वती के साथ ध्यान अवस्था में विराजमान है |

कैलाश पर्वत पर चढ़ने की नाकाम कोशिशें ! 

  1. 1926 में अंग्रेज़ी प्रशासक और पर्वतारोही हग रत्लेज और कर्नल आर.सी. विल्सन ने कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की थी | उनके साथ एक शेरपा भी था | वे बताते है कि यह विशाल पर्वत पर चढ़ना असंभव है | जब उन्होंने पर्वत पर चढ़ाई शुरू की थी तब अचानक ही बर्फ़बारी शुरू हो गयी थी जिसके कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए थे | उनकी कोशिश नाकाम गयी थी |
  2.  एक रूसी पर्वतारोही सेर्गी सिस्तियाकोव का कहना है कि “जब हम लोगों ने पर्वत चढ़ना शुरू किया तो मेरे दिल की      ध्वनि तेज़ होने लगी | मै इस पवित्र पर्वत के सामने खड़े होकर कमज़ोर महसूस कर रहा था और अचानक ही मुझे विचार आया कि मुझे यह पर्वत नहीं चढ़ना चाहिए | और जैसे जैसे हम वापस उतरते चले गये , मुझे अपार शांति का एहसास होने लगा | ” kailash-mansarovar-500x500

इतिहास गवाह है कि कोई भी इस पवित्र पर्वत पर अभी तक नहीं चढ़ पाया है | लोगों की मान्यता है की वहां शिव का निवास है तो कुछ लोग इसी बात को को कैलाश पर न चढ़ पाने का कारण भी बताते है |

आखिर देवों के देव महादेव के पवित्र पर्वत पर नश्वर मनुष्य उनकी आज्ञा के बिना कैसे चढ़ सकता है !

आदित्य त्रिवेदी @ समाचार लाइन