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सांसद को लिखना पड़ा मुख्यमंत्री को पत्र , नायब तहसीलदार को हटाने के लिए

अमित बागलीकर

सांसद को लिखना पड़ा नायब तहीलदार को हटाने के लिए 
देवास। वर्तमान में भाजपा पार्टी सत्ता में नए कीर्तिमान के साथ एक बड़ी पार्टी है। जब सत्ता भाजपा पार्टी के हाथ में है, तो फिर पार्टी का छोटे से छोटा नेता अपने पद की गरिमा को समझ कर कई कार्य आसानी से निपटा लेता है। किंतु जब सत्ताधारी नेता को प्रसाशनिक अधिकारी का स्थानान्तरण करवाना हो तो उस जिम्मेदार नेता को प्रदेश मुखिया को पत्र लिखकर ये बताना पड़ा कि इस अधिकारी का स्थानान्तरण मुख्यमंत्री के आदेश से हो। जबकि उक्त प्रसाशनिक पद को स्थांतरित करने के लिए जिलाधीश ही कार्यवाही कर सकते हैं। इसके बावजुद नेताजी ने इस प्रकार का पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत करा ही दिया। अब प्रदेश की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री ऐसे पत्रों पर सारे काम छोड़ कर कार्यवाही करेंगे।
गत 2 जून 2017 को देवास संसदीय क्षेत्र के सांसद मनोहर ऊंटवाल ने पत्र क्रमांक 507 में प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर जिले के टोंकखुर्द तहसील के ग्राम टप्पा चिड़ावद क्षेत्र की नायब तहसीलदार रेखा सचदेव का स्थानातरण करने हेतु पत्र लिखा गया। जबकि इस कार्य के लिए जिले के जिलाधीश को नायब तहसीलदार की शिकायत मिलती तो वे खुद इस संबंध में कार्यवाही करते, किन्तु इस प्रकरण में सांसद ने एक नायब तहसीलदार के स्थानातरण को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख डाला। वही इस विषय पर सांसद से चर्चा करना चाही तो उनके द्वारा मोबाईल रिसीव नही किया गया।
पत्र में यह है……………!
सांसद ऊंटवाल ने पत्र में लिखा है कि नायब तहसीलदार की कई बार शिकायत आई है, सांसद के पत्र लिखने के अनुसार क्षेत्रवासियों ने नायब तहसीलदार रेखा सचदेव की शिकायत जनसुनवाई में भी की है। सांसद द्वारा पत्र में लिखे अनुसार तहसीलदार की कार्यप्रणाली से लोग असंतोष थे।
क्षेत्रीय नेता ने की शिकायत……
वही सूत्रों के अनुसार गत दिनों नायब तहसीलदार रेखा सचदेव ने टोंकखुर्द के राम मंदिर में 78 बीघा जमीन को लेकर कुछ लोगों पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की थी। इनमें कुछ भाजपा पार्टी के नेताओं के नाम भी थे। इन सब के बाद ये माना जा रहा है, जी जमीनी मामले को लेकर असंतोष नेताओं ने सांसद ऊंटवाल से इस बात की शिकायत की और सांसद ने अपने स्तर पर गैर जिम्मेदराना कदम उठाया। अब सवाल ये उठता है, की क्या सांसद इस प्रकार के मामलों के लिए भी मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे, या वे खुद कुछ कार्यवाही करेंगे ये विचारने योग्य है। फिलहाल तो इस प्रकार के पत्र को लेकर जिले भर ने चर्चा आम हो चली है …….!