देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

भाजपा की धमनियों में “ब्लॉकेज” का इशारा कर रहे है नगरीय निकाय के परिणाम।

भोपाल। आदिवासी अंचल के स्थान मालवा-चम्बल-विंध्य इलाके में हुए नगरीय निकायों के चुनाव और उपचुनाव के परिणाम के आकड़े भले ही भाजपा के पक्ष में हो लेकिन कांग्रेस की बढ़त और भाजपा के बागियों ने भाजपा संगठन के लक्षण उजागर कर दिए है। संगठन की धमनियों में”ब्लॉकेज”नजर आने लगे है।
एक पखवाड़े से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के नेता 43 नगरीय निकायों में चुनाव प्रचार के लिए रातदिन लगे हुए थे। भाजपा संगठन ने स्थानीय नेताओं के साथ साथ पूर्णकालिक कार्यकर्ताओ,जातिगत समीकरण में विभिन्न जातियों के नेताओं और चुनाव प्रबंधन में माहिर टीम को चुनावी मैदान में उतार रखा था। खुद मुख्यमंत्री शिवराज ने 27 स्थानों पर रोड शो किए थे। बाबजूद इन सब कवायदों के भाजपा 43 में से 26 स्थानों पर ही जीत पायी। शिवराज ने जिन 27 जगहों पर रोड शो किए उनमे से 13 पर ही जीत मिली।
गौरतलब है कि मंडला में जहाँ से केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते और राज्यसभा सदस्य सम्पतईया उईके है, वहाँ नगरपालिका का चुनाव भाजपा हार गई है।
मंदसौर में किसान आंदोलन की नाराजगी के चलते पाटीदार बहुल गरोठ और शामगढ़ में भाजपा वार्डो के तीनों उपचुनाव हार गई है।
मंडला, महेश्वर,सनावद,बालाघाट,
छिन्दवाड़ा के परिणाम बताते है कि पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता नाराज है,उसे सत्ता और सरकार से अपेक्षित प्रतिसाद नही मिल रहा हैं।
भाजपा की ताकत उसके देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं में निहित है।
बूथ स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की थाने-कचहरी में सुनवाई नही हो रही है। भाजपा संगठन के जानकार बताते है कि सांसद, विधायको को लेकर सबसे ज्यादा असंतोष है।
यद्यपि कांग्रेस भी कुछ खास नही कर पाई है। केवल कमलनाथ के क्षेत्र छिन्दवाड़ा में उसने जरूर 7 स्थानों पर जीत हासिल की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव,नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पार्टी के संभावित चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र में कांग्रेस खेत रही है।
बहरहाल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 18,19,20 अगस्त के दौरे के पूर्व यह चुनाव पार्टी के लिए लिटमस टेस्ट ही थे। शाह की कसौटी पर यह कितना खरे उतरते है,यह देखना दिलचस्प होगा।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline.com