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होडिंग लगाये पर डस्टबिन के पते नहीं,वाल पेटिंग में उंचा रखे हम अपनी सोच का नारा लिखा गलत

होडिंग लगाये पर डस्टबिन के पते नहीं
वाल पेटिंग में उंचा रखे हम अपनी सोच का नारा लिखा गलत
अमित बागलीकर
देवास। नगर निगम ने जगह जगह स्वच्छता सर्वेक्षण एवं स्वच्छता एप के फ्लेक्स और होर्डिंग लगाकर सुखा कचरा, गीला कचरा अलग-अलग डालने के लिए लोगों से अपील तो की है लेकिन सड़कों पर डस्टबीन ही नहीं रखे।
            इंदिरा गांधी चौराहा पर व्यवसाय करने वाले राकेश ने कहा कि उनके दुकान के सामने बड़ा फ्लेक्स तो लगा दिया है। लेकिन कहीं भी डस्टबिन नहीं रखे गए हैं। ऐसे में लोग पूर्व की भांति ही सड़कों पर कचरा डाल रहे हैं। जब नगर निगम के संसाधन ही पर्याप्त नहीं हैं तो ऐसे झूठे दावे क्यों किए जा रहे हैं। नगर निगम स्वच्छता के लिए वास्तविक व्यवस्थाएं जुटाएं तभी नागरिक सहयोग दे पाएंगे अन्यथा तो जगह-जगह सड़कों पर ही कूड़ा कचरा डाला जाता रहेगा। वैसे तो पूर्व में निगम द्वारा विभिन्न क्षैत्रों में 22 डस्टबिन लगाये जिसमें कलेक्टर कार्यालय,पुलिस कोतवाली के बाहर,मल्हार स्मृति मंदिर,सुभाष चौक,बस स्टेण्ड,स्टेशन रोड़,गजरा गियर्र चौराह,उज्जनै रोड के अलावा अन्य स्थानों पर लाखों रूपये खर्च कर डस्टबिन लगाये गए थे।  वैसे तो शहर के मुख्य मार्ग सहित वीआईपी क्षेत्र है और वहा से कलेक्टर,पुलिस अधिक्षक ,महापौर निगम आयुक्त सहित कई लोगों का आवागमन होता है। लेकिन लाखों रूपये खर्च कर डस्टबिन मय स्टैंड  के लगाये गए थे । जिसके अते पते निगम के पास भी नही है निगम के जवाबदारों का कहना है कि हमारा काम डस्टबिन देना के था और उसकी देखरेख का काम निगम के दरोगाओं का था। वहीअब फ्लेक्स एवं वॉल पेटिंग कराकर स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लेकिन उत्कृष्ट विद्यालय सहित अन्य स्थानों पर निगम द्वारा जो स्लोगन लिखे गए है उसमें मात्राएं भी गलत लिखी हुई है। साथ ही उनके आसपास सूअरों का जमावडा लगा हुआ है जो गंदगी को स्वच्छता करने में लगे हुए है। 
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यह थी योजना
कचरा एकत्रित करने के लिये नगर निगम ने लाखों रुपयों के डस्टबिन शहर के विभिन्न स्थानों सहित सार्वजनिक स्थानों पर लगाये थे। निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन डस्टबिन की खरीदी में तत्कालीन अधिकारियों ने लाखों की कमीशनबाजी की होगी। जबकि वर्तमान में शहर को देश में स्वच्छता में नंबर 1 बनाने के नाम पर अधिकारियों ने कमर्शियल इलाकों में गीला कचरा-सूखा कचरा एकत्रित करने के लिये लाखों रूपये की लागत से नये डस्टबिन मय स्टैंड के खरीदने की योजना बनाई है। खास बात यह कि जिन डस्टबिन को कमर्शियल इलाकों में लगाना था । वही खास बात यह कि नये डस्टबिन कमर्शियल इलाकों में लगाने का प्रस्ताव था लेकिन निगम द्वारा चुनिदा स्थानों पर डस्टबिन लगाकर कागजों पर स्वच्छ करना ही उचित समझा गया होगा।
पुराने डस्टबिन की हालत ऐसी
शहर के अधिकांश स्थानों पर लगे डस्टबिन गायब हो गए है तो कई की हालत खराब है। वही बस स्टेण्ड एवं मल्हार स्मृति मंदिर में लगे डस्टबिन से नियमित कचरा नहीं निकाला जा रहा जिसका कचरा सड़कों पर बिखर रहा है। ऐसे में नये डस्टबिन लगने के बाद उनमें से नियमित कचरा निकाला जायेगा इसकी जिम्मेदारी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि लेने को तैयार नहीं।

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