मध्य प्रदेशहोम

प्रीति रघुवंशी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने वाले रामपाल सिंह व उसके परिवार के विरुद्ध दर्ज हो एफ.आई.आर.

मंत्री रामपाल सिंह पर धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज हो उन्हें बर्खास्त किया जाए

महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार पर सख्ती से रोक लगे

श्री अरूण यादव एवं श्री अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मौन उपवास के बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

भोपाल 22 मार्च 2018, राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटैल को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रीति रघुवंशी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले रामपाल सिंह एवं उनके परिवार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो, मंत्री रामपाल सिंह पर धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज हो और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार पर सख्ती से अंकुश लगे उनके सम्मान और अस्मिता की रक्षा हो। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अरूण यादव, नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह, मुख्य सचेतक श्री रामनिवास रावत, डॉ. गोविंद सिंह एवं मुकेश नायक सहित कांग्रेस विधायक इस मौके पर उपस्थित थे।

          विधानसभा में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और मंत्री रामपाल सिहं और उनके बेटे की वजह से आत्महत्या करने वाली प्रीति रघुवंशी पर चर्चा न कराने के विरोध में आज कांग्रेस विधायक दल द्वारा मौन उपवास रखा गया। चार घंटे मौन उपवास के बाद कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरूण यादव एवं नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह के नेतृत्व में सभी विधायक पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

          ज्ञापन में कहा गया कि एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट है कि महिलाओं के साथ हो रहे अनाचार के मामले में हमारा प्रदेश पूरे देश में अव्वल है। एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि मध्यप्रदेश से प्रतिदिन 75 महिलाएं गायब हो रही हैं। राज्य के अपराध अनुसंधान शाखा के आंकड़े के अनुसार पिछले 7 साल में 7448 लड़कियां प्रदेश से गायब हो गई। हर दिन 15 बेटियों के साथ ज्यादती हो रही है। मात्र एक साल में 5310 बच्चियों के साथ ज्यादती हुई। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां महिलाओं से ज्यादती की इतनी बड़ी संख्या है। यह आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में महिलाओं का सम्मान नहीं है वे सुरक्षित नहीं हैं और अब उनका घर से निकलना दूभर हो चला है।

          कारण स्पष्ट है कि ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। हाल ही में उदयपुरा में 17 मार्च 2018 को युवती श्रीमती प्रीति रघुवंशी ने आत्महत्या कर ली। युवती के पिता ने संबंधित थाने में आवेदन दिया जिसमें उन्होंने मंत्री श्री रामपाल सिंह और उनके पुत्र गिरजेश सिंह को इसका दोषी बताया है। श्रीमती प्रीति रघुवंशी का विवाह मंत्री श्री रामपाल सिंह के पुत्र गिरजेश सिंह से हुआ इसके पूरे प्रमाण हैं।  पूरा घटनाक्रम इस बात की चीख-चीखकर गवाही दे रहा है कि प्रीति रघुवंशी ने आत्महत्या गिरजेश सिंह द्वारा दूसरी शादी करने और मंत्री रामपाल सिंह द्वारा निरंतर उनके परिवार पर बनाए गए दबाव के कारण की।

          इस पूरे घटनाक्रम और उपलब्ध सबूत से यह स्पष्ट हो जाता है कि मंत्री श्री रामपाल सिंह के पुत्र श्री गिरजेश का विवाह श्री चंदन सिंह रघुवंशी की पुत्री से हुआ था। लड़की के परिजनों के बयानों से यह भी स्पष्ट है कि मंत्री श्री रामपाल सिंह को इस विवाह की जानकारी थी और वे परिवार पर दबाव डाल रहे थे कि वह शादी तोड़ दें। ऐसे प्रकरण में सरकार द्वारा जांच की बात कहने से स्पष्ट है कि वे मंत्री और उनके पुत्र को बचाना चाहते हैं। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि इस मामले में विधानसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर सत्तापक्ष ने चर्चा नहीं होने दी और संसदीय कार्य मंत्री के इशारे पर असंवैधानिक तरीके से विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

          ज्ञापन में मांग की गई कि लड़की के पिता ने अपने आवेदन में मंत्री श्री रामपाल सिंह, पुत्र गिरजेश एवं उसकी माँ और भाई को अपनी पुत्री श्रीमती प्रीति रघुवंशी की आत्महत्या का जिम्मेदार बताया है। इसलिए इनके खिलाफ तत्काल एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। राजधानी भोपाल में दिनांक 11 मार्च 2018 को आरती राय नामक छात्रा द्वारा आत्महत्या करने पर उसकी माँ के द्वारा शिकायती आवेदन पर दानिश नाम के युवक पर मामला दर्ज हुआ जबकि लड़की ने सुसाइड नोट में उसका उल्लेख ही नहीं किया था।

          मंत्री श्री रामपाल सिंह के पुत्र गिरजेश की शादी हो चुकी है,इसकी जानकारी होने पर भी उसकी दूसरी सगाई की जो कि हिन्दु विवाह अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया वह भी संवैधानिक पद पर रहकर। उन्होंने शादी तोड़ने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए इसलिए वे धारा 120-बी के अपराधी हैं। उनके खिलाफ इस धारा में प्रकरण दर्ज कर उन्हें तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।

          मंत्री श्री रामपाल सिंह के दबाव के कारण ही उनके पुत्र गिरजेश ने प्रीति रघुवंशी को अपने घर में नहीं रखा। प्रीति की आत्महत्या के बाद विधानसभा में स्थगन की सूचना दिए जाने के बाद ही मंत्री श्री रामपाल सिंह ने प्रीति रघुवंशी को अपनी बहू स्वीकार किया। यदि पहले ही प्रीति रघुवंशी को अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर घर ले आते तो प्रीति को आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। इससे स्पष्ट होता है कि प्रीति ने गिरजेश एवं उसके परिवार वालों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है।

          ज्ञापन में कहा गया कि राज्यपाल महोदया के पास इसलिए आना पड़ रहा है क्योंकि प्रदेश भाजपा सरकार महिलाओं की सुरक्षा में नाकामयाब है। प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार को लेकर आम जनता पर तो कार्यवाही हो जाती है लेकिन रसूखदार लोगों, जो भाजपा सरकार और संगठन से जुड़े हैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इसका उदाहरण मंत्री रामपाल सिंह हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में भी सरकार विपक्ष को मामले उठाने का मौका देने की बजाय षडयंत्रपूर्वक विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। एक प्रदेश में दो कानून लागू होने से महिलाओं का सम्मान सुरक्षा और उनकी अस्मिता खतरे में पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश होने और केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकारों को दिए गए एडवाइजरी परिपत्र में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी घटना में संबंधित के खिलाफ एफ.आई.आर. तत्काल दर्ज की जाए। इसलिए आप एक माध्यम हैं, आपसे आग्रह है कि तत्काल इस दिशा में कदम उठाएं और राज्य सरकार को महिला अपराधों पर लगाम लगाने और मंत्री श्री रामपाल सिंह और उनके पुत्र के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश राज्य सरकार को दें।

       राज्यपाल को ज्ञापन देने गये प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा सांसद श्री राजमणि पटेल, विधायक सर्वश्री आरिफ अकील, श्री के.पी. सिंह, श्री सुन्दरलाल तिवारी, श्री कु. विक्रम सिंह नातीराजा,श्री जीतू पटवारी, श्री जयवर्द्धन सिंह, श्री यादवेन्द्र सिंह, श्री लखन सिंह यादव, श्रीमती शकुन्तला खटीक, श्री हर्ष यादव, श्रीमती चन्द्रा गौर, श्री प्रताप सिंह, श्री महेन्द्र सिंह यादव, श्री बृजेन्द्र सिंह यादव, श्री नीलांशु चतुर्वेदी, श्री सुखेन्द्र सिंह बना, श्रीमती सरस्वती सिंह, श्री रामपाल सिंह, श्री फून्देलाल सिंह मार्को, श्री सौरभ सिंह, श्री नीलेश अवस्थी, श्री तरूण भानोत, सुश्री हिना कावरे, श्री रजनीश सिंह, श्री योगेन्द्र सिंह, श्री निशंक कुमार जैन, श्री शैलेन्द्र पटेल, श्री गिरीश भण्डारी, श्री सचिन यादव, श्री हरदीप सिंह डंग, भोपाल जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री पी.सी. शर्मा, श्री अविनाश भार्गव, श्री सुरेन्द्र सिंह ठाकुर, श्री अशोक जैन भाभा, श्री कैलाश मिश्रा, श्रीमती मांडवी चौहान, श्रीमती विभा पटेल, श्री मृणाल पंत, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव डॉ. महेंद्र सिंह सहित भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए।