भोपाल। अब रेलवे अपने कर्मचारियों को बच्चों की तबीयत खराब होने पर अस्पताल लेकर जाने और वापस लाने के लिए तीन विशेष पास जारी करेगा। रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। अभी तक दो विशेष पास ही मिलते थे। जिसमें से एक बीमार बच्चे और दूसरा उसके अटेंडर का होता था। दूसरा पास बच्चे के माता-पिता या उसके नजदीकी रिश्तेदार के नाम जारी होता है।
रेलवे बोर्ड के साथ हुई बैठक में रेलवे यूनियनों ने बीते दिनों कहा था कि हजारों रेल कर्मचारी ऐसे स्टेशनों पर नौकरी करते हैं, जहां उनके बच्चों की तबीयत खराब होने पर बेहतर उपचार नहीं मिलता। ऐसे में उन्हें इलाज कराने बाहर लेकर जाना पड़ता है। रेलवे से बेहतर मदद नहीं मिलती। केवल ट्रेनों में सफर करने दो विशेष पास दिए जाते हैं जिसमें से एक बीमार बच्चे का होता है और दूसरा उसके अटेंडर का होता है। ऐसे में एक व्यक्ति बच्चे को संभाल नहीं सकते।कम से कम दो अटेंडरों को विशेष पास मिलने जाहिए ताकि बीमार बच्चे की देखरेख आसानी से हो सके।
रेलवे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड के उप निदेशक स्थापना कल्याण बी मुरलीरन ने तीन विशेष पास देने के निर्देश सभी महाप्रबंक कार्मिक व क्षेत्रीय रेलवे को जारी कर दिए हैं। बता दें कि ये पास 15 साल से कम उम्र के लड़के व 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के मामले में दिए जाते हैं।