उज्जैन। अनंत चतुर्दशी पर रविवार को गौरीपुत्र गणेश को विदाई दी गई। ढोल ढमाकों के साथ भक्त भगवान गणेश को विदाई देने निकले। मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम ने कुछ स्थान निर्धारित किए थे। लेकिन भक्तों की भावना पवित्र शिप्रा में मूर्ति विसर्जित करने की थी। इसके चलते दिनभर विभिन्न घाटों पर मूर्ति विसर्जन होता रहा। बीते दो दिनों से हो रही बारिश के कारण उफनती शिप्रा ने भी आस्था का ज्वार अपने आगोश में समेटा और पलक झपकते ही छोटी, बड़ी मूर्तियों को अपने साथ बहा ले गई।
त्रिवेणी, लालपुल, गऊघाट, नृसिंह घाट आदि स्थानों पर सुबह से भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जित करने का सिलसिला शुरू हो गया था। गणपति बप्पा मोरया…अगले बरस तू जल्दी आ के घोष के साथ युवाओं की टोली मूर्ति विसर्जन के लिए निकली। शहर में विभिन्न स्थानों से गणेश विसर्जन चल समारोह निकलते रहे। सावर्जिनक पंडालों में विराजित मूर्तियों को भी विसर्जन के लिए ले जाया गया। भक्तों ने भारी मन से भगवान को विदाई दी। इसके साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन हो गया।