बीसीसीआई और एमपीसीए की फ्री पास की लड़ाई का खामियाजा इंदौर को बहुत महंगा पड़ेगा। इंदौर के हाथों से इंडिया और विंडीज के बीच होने वाला दूसरा वनडे जा चुका है। इसका खामियाजा इंदौर को अपनी छवि के नुकसान के रूप में तो उठाना ही पड़ेगा साथ ही साथ अर्थव्यवस्था को भी करोड़ों का घाटा होगा। यदि शहर में अंतरराष्ट्रीय मैच होता है तो होटल्स, ट्रेवल व्यवसाय, मॉल्स, पर्यटन, स्टेडियम के पास स्थित दुकानें, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, बिजली विभाग आदि सभी को इससे होने वाली आमदनी का नुकसान होगा।
एमपीसीए को भी इससे करीब 2 करोड़ रुपए का नुकसान होने की उम्मीद है। इसके अलावा मैच का सबसे ज्यादा फायदा ट्रेवल इंडस्ट्री और होटल इंडस्ट्री को होगा। होटल इंडस्ट्री को ही इससे करीब 1 करोड़ रुपए का घाटा मैच न होने से होगा। शहर के क्रिकेट से जुड़े लोगों में भी रोष है। होटेलियर्स एसोसिएशन ऑफ इंदौर के प्रेसीडेंट सुमित सुरी ने बताया कि मैच के दौरान होटल में कमरे करीब 30 प्रतिशत तक अधिक भरते हैं। 1500 कमरों के अधिक भरने से औसतन 60 लाख रुपए की आय होती है। इसमें खाना-पीना जोड़ दें तो यह आंकड़ा करीब 1 करोड़ रुपए का होता है।
निर्णय के पीछे चुनावी सियासत
पूर्व क्रिकेटर्स और एमपीसीए के कई सदस्य दबी जुबान इसे मौजूदा प्रबंध्ान समिति की राजनीति बता रहे हैं। 20 नवंबर के पहले एमपीसीए के चुनाव होना हैं और पास का मुद्दा ज्यादा बड़ा नहीं था। प्रबंधन समिति चाहती तो एक बार सदस्यों की बैठक बुलाकर इस विषय पर सुझाव मांग सकती थी। संविधान की बैठक में भी पास कम मिलने के मुद्दे पर चुनिंदा लोगों ने विरोध किया था जबकि अधिकांश सदस्यों ने मौन सहमति दी थी। इस तरह की स्थिति में एमपीसीए हमेशा सदस्यों की बैठक बुलाता है लेकिन इस बार नहीं बुलाई गई।
ये बोले विशेषज्ञ
मैच किसी भी स्थिति से हाथ से नहीं जाना चाहिए था। इससे शहर के क्रिकेट को बहुत नुकसान पहुंचता है। कवरेज में क्रिकेट के साथ शहर की संस्कृति की बात भी की जाती है। इंदौर को इंटरनेशनल मैच मिलने में बहुत सालों का इंतजार करना पड़ा था, लेकिन अब इसकी कद्र नहीं की जा रही है। – सुशील दोशी, क्रिकेट कॉमेंट्रेटर
पिछली बार हुए अंतरराष्ट्रीय एकदिनी मैच में एमपीसीए का सरप्लस करीब पौने दो करोड़ रुपए था। इसमें टिकटों व अन्य स्त्रोंतो से होने वाली आय में से खर्चे निकलाने के बाद यह राशि बची थी। इस बार होने वाली आय टिकटों की बिक्री और अन्य संसाधनों व खर्चों पर आधारित होती। – रोहित पंडित, सीईओ, एमपीसीए
मैसेज कर मैच करवाने का आग्रह भी किया था एक सदस्य ने
एसएमएस कर संजय जगदाले को हर हाल में इंदौर में वन-डे मैच कराने का आग्रह किया था। जगदाले को किए गए एसएमएस में उन्होंने लिखा था- बीसीसीआई, सीओए ने बुधवार को एमपीसीए से पूछा था कि क्या वह इंदौर में 24 अक्टूबर को मैच कराने के लिए तैयार है या नहीं। एमपीसीए ने दुर्भाग्य से इससे इनकार कर दिया। आप भी चाहते हैं कि एमपीसीए यह मैच इंदौर में किसी भी कीमत पर कराए, क्योंकि आप भी जानते हैं कि इसके बाद इंदौर में फिर से मैच कराना कितना मुश्किल होगा। इसके कुछ देर बाद ही वन-डे मैच का स्थल बदलने की घोषणा हो गई। – संजीव गुप्ता, सदस्य, एमपीसीए