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12वीं के छात्र ने खुद रची अपहरण की कहानी, अधिकारी पिता से मांगी 50 लाख की फिरौती

जबलपुर। कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाले साढ़े 16 वर्षीय छात्र ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की कहानी रची और फिरौती के रूप में पिता से 50 लाख रुपए की भारी-भरकम रकम की डिमांड कर डाली। बेटे के अपहरण से दहशत में आए शहपुरा जनपद पंचायत में समन्वयक अधिकारी (पीसीओ) द्वारका झारिया भागे-भागे पुलिस के पास पहुंचे और अपहरण का मामला दर्ज कराया।

पुलिस ने अपहृत छात्र यथार्थ झारिया के मोबाइल की लोकेशन और कैमरों की फुटेज खंगाली तो छात्र अपने दो दोस्तों के साथ जाता दिखा। पुलिस ने छात्र के दोनों दोस्तों के बारे में पता कर उनसे पूछताछ की तो पूरे ड्रामे से पर्दा उठ गया। पुलिस ने देर रात छात्र यथार्थ झारिया को पिसनहारी की मढ़िया के पास से खोज निकाला। छात्र ने बताया कि वह पिता की डांट से नाराज था। इसी के चलते उसने पिता पर दबाव बनाने के लिए खुद के अपहरण की कहानी रची थी, लेकिन उसकी कहानी का कुछ घंटों में ही भंडाफोड़ हो गया।

पिता के मोबाइल पर फोन कर मांगी रकम

यथार्थ सुबह घर से स्कूल के लिए निकला था। दोपहर में उसी के मोबाइल से किसी ने उसके पिता को फोन कर 50 लाख की फिरौती मांगी। बेटे के अपहरण और फिरौती की डिमांड सुनते ही द्वारका सकते में आ गए। वह शहपुरा से भागते हुए ओमती थाने पहुंचे। जहां पुलिस उनके साथ स्कूल पहुंची। जहां पता चला कि यथार्थ स्कूल पहुंचा ही नहीं।

यह सुनकर द्वारका और घबरा गए। स्कूल से वह मदनमहल थाने पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी देते हुए अपहरण का मामला दर्ज कराया। जिसके बाद साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की टीम भी यथार्थ की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी थी

आमनपुर में रहता है चाचा-चाची के साथ

मदनमहल थाना क्षेत्र के आमनपुर में रहने वाले द्वारका झारिया शहपुरा जनपद पंचायत में पीसीओ है। उनकी

पत्नी सरस्वती बरखेड़ा सहजपुर, भेड़ाघाट स्थित प्राथमिक स्कूल में शिक्षिका हैं। द्वारका अपनी पत्नी के साथ सहजपुर में ही रहते हैं। वहीं, उनका बेटा यथार्थ और बेटी अपने चाचा-चाची और दादी के पास मदनमहल में ही रहते हैं। यथार्थ मॉडल हाईस्कूल में कक्षा 12वीं का छात्र है। उसकी बहन एमएससी कर रही है।

सुबह पौने 10 बजे घर से निकला था स्कूल के लिए

द्वारका ने बताया कि यथार्थ बुधवार की सुबह पौने 10 बजे बाइक (एमपी-20, एमएच-9404) से स्कूल जाने का

कहकर निकला था। दोपहर लगभग 1 बजे यथार्थ के मोबाइल से उनके पास फोन आया कि बेटे को जिंदा देखना

चाहते हो तो 50 लाख रुपए का इंतजाम करो। इसके बाद यथार्थ ने कहा कि उसे कुछ लोगों ने पकड़ लिया है, जो मारपीट कर रहे हैं, फिर फोन कट गया।

शहपुरा, ओमती फिर मदनमहल पहुंचा

फोन आते ही द्वारका शहपुरा थाने पहुंचे तो पुलिस ने कहा पहले स्कूल में देख लो। वहां से द्वारका ओमती थाने पहुंचे

और मॉडल स्कूल में जाकर पता किया। जहां बताया गया कि यथार्थ स्कूल पहुंचा ही नहीं। जिस पर वह मदनमहल थाने पहुंचे और केस दर्ज कराया।

शहपुरा के पास मिली लोकेशन

जांच के दौरान यथार्थ के मोबाइल की लोकेशन शहपुरा के पास ही मिली। वहीं, शहर में कैमरों की जांच की, तो उसमें वह अकेले ही बाइक से गुप्तेश्वर की ओर जाते हुए दिखा। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि आरोपित आगे-पीछे बाइक से हों।