लंदन। लगभग तीन सप्ताह में 50 घंटे से अधिक के खेल के बावजूद विश्व शतरंज चैंपियनशिप के खिताब का फैसला टाईब्रेकर बाजियों के साथ होगा। अमेरिका के चैलेंजर फैबियानो कारुआना और गत विश्व चैंपियन नॉर्व के मैग्नस कार्लसन के बीच लगातार 12 बाजियां ड्रॉ रहीं। विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
यहां चल रहे मैच का फैसला अब रेपिड बाजियों के नतीजे से होगा। अगर फिर भी नतीजा नहीं निकलता है तो विजेता का फैसला करने के लिए सडन डेथ प्रारूप का सहारा लिया जा सकता है। छब्बीस साल के कारुआना की नजरें बॉबी फिशर के बाद पहला अमेरिकी विश्व चैंपियन बनने पर टिकी हैं। कारुआना के खिलाफ हालांकि 27 साल के कार्लसन का पलड़ा भारी माना जा रहा है, जो 19 साल की उम्र से दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं और कम समय के मैचों में उन्हें काफी मजबूत माना जाता है।
कार्लसन ने सोमवार को 12वीं बाजी के दौरान कारुआना को ड्रॉ की पेशकश करके कई कमेंटेटर को हैरान कर दिया जबकि विशेषज्ञों और कम्प्यूटर प्रोग्राम का मानना था कि वे बेहतर स्थिति में थे।