मल्टीमीडिया डेस्क। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में 14 दिसंबर से दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। विराट कोहली की टीम इंडिया एडिलेड में पहला टेस्ट जीतकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना चुकी हैं। कोहली के पास इस सीरीज में भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे ‘विराट’ रिकॉर्ड बनाने का मौका रहेगा, वैसे इसके लिए भारत को इस सीरीज में मेजबान टीम का सफाया करना होगा।
कोहली के नेतृत्व में भारत 43 टेस्ट मैचों में से 25 मैचों में जीत दर्ज कर चुका है। महेंद्रसिंह धोनी भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान है जिनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 60 मैचों में से 27 मैच जीते हैं। विराट को अब धोनी को पीछे छोड़ने के लिए भारतीय टीम को अपने नेतृत्व में 3 टेस्ट मैचों में और जीत दिलानी होगी। वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई टीम उतनी मजबूत नहीं है और टीम इंडिया के पास मेजबान टीम का सफाया करने का मौका रहेगा। भारत ने यदि ऐसा कर लिया तो धोनी को पीछे छोड़कर विराट भारत के सबसे सफल कप्तान बन जाएंगे। इस स्थिति में विराट का रिकॉर्ड 46 टेस्ट मैचों में भारत को 28 जीत दिलाने का हो जाएगा।
गांगुली को पीछे छोड़ने का मौका :
इस वक्त विदेशी धरती पर भारत को सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाने का रिकॉर्ड सौरव गांगुली के नाम दर्ज है। उन्होंने टीम इंडिया को अपने नेतृत्व मे विदेशी धरती पर 11 टेस्ट मैचों में जीत दिलाई है। विराट के नेतृत्व में भारत विदेशी धरती पर 10 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज कर चुका है। यदि भारत ने 2 मैच और जीत लिए तो विराट इस मामले में गांगुली को पीछे छोड़ देंगे। विराट के नेतृत्व में भारत ने श्रीलंका में 5 मैच, वेस्टइंडीज में 2 मैच, द. अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में 1-1 मैच जीते हैं।
पर्थ में बेदी की बराबरी पर विराट की निगाहें :
विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीतने वाले पांचवें भारतीय कप्तान बन चुके हैं। उनसे पहले बिशनसिंह बेदी, सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले के नेतृत्व में टीम इंडिया कंगारुओं के घर में उसी को हरा चुकी हैं। इनमें से बेदी एकमात्र ऐसे कप्तान है जिनकी कमान में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 2 टेस्ट मैच जीते थे। विराट अब पर्थ में अपनी टीम को जीत दिलाकर बेदी के रिकॉर्ड की बराबरी करना चाहेंगे।