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फूल ने कमल के फूल को हराया ग्रामीण क्षैत्र से राजघराने को बड़ी हार का सामना करना पड़ा

फूल ने कमल के फूल को हराया
ग्रामीण क्षैत्र से राजघराने को बड़ी हार का सामना करना पड़ा
देवास।
जब अपने ही अपनों को सेंध लगा दें तो गैरों से क्या आशा रख पायेंगे….उक्त कहावत से यहां ये सिद्ध होता है की अपनों पर भरोसा कैसे करें। कहने का तात्पर्य है की चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के लिये ग्रामीण क्षेत्र के भाजपा नेताओं ने जिस तरह की मेहनत की उससे ये पता चलता है की उन्होनें भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिये पूर्व से कोई सोच बनाकर रखी होगी। हाँलाकि श्रीमती गायत्रीराजे पवार शहर से बड़े अंतर से जीती लेकिन ग्रामीण में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें भाजपा पार्टी के बड़े दिग्गज नेताओं का निवास भी वहीं है। पार्टी सूत्र बताते हैं की इन नेताओं ने सामने तो बड़ी मेहनत की लेकिन पीठ पीछे क्या किया ये कहा नहीं जा सकता है। वैसे भाजपा प्रत्याशी श्रीमती गायत्रीराजे पवार व पैलेस से इन ग्रामीण नेताओं के अच्छे व प्रगाढ़ संबंध माने जाते हैं, और इन नेताओं के गृह क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। जिस पर ये कहा जा सकता है की इन भाजपाई नेताओं ने क्या हराने के लिये मेहनत की थी या फिर कुछ और ही इनके मन में चल रहा था।
गत दिवस ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुए जहां देवास विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती गायत्री राजे पवार ने कांग्रेस से जयसिंह ठाकुर को हराया। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से भाजपा की इस प्रत्याशी को पूर्व की तरह इस बार भी हार का सामना करना पड़ा। खासतौर पर ग्रामीण अंचल के ऐसे भाजपा नेता जो पैलेस व पवार परिवार के काफी नजदीक है उनके गाँवों से भी भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। उसके बावजूद भी उन्हीं नेताओं को विधायक आगे बढ़ाने के लिये परस्पर प्रयास करती है लेकिन ये ही नेता बार-बार चुनावों में हार का सबसे बड़ा कारण बनते हैं। इनमें प्रमुखता से ग्रामीण क्षेत्र से फूलसिंह चावड़ा का नाम स्पष्ट तौर पर दिखाई देता है। जबकि ये पैलेस के नजदीक माने जाने वाले नेताओं में से एक है। अब ये नेता कितने भरोसे लायक बचे हैं ये फिलहाल तो गर्त में है लेकिन ये कहा जा सकता है की हमें तो अपनों ने लूटा….!!
इनके गाँवों से हारी राजे
ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम आगरोद से फूलसिंह चावड़ा जो की भाजपा जिला महामंत्री के गाँव से भाजपा प्रत्याशी गायत्री राजे पवार 416 वोटों से हारी। जबकि फूलसिंह चावड़ा पैलेस से काफी नजदीक माने जाने वाले नेताओं में से है। उसके बावजूद भी वहां से राजे क्यों हारी ये बड़ा प्रश्र है। इसके साथ ही ग्राम जनोईखेड़ी जहां से विजयसिंह पवार जो की युवा मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हैं वे भी पैलेस व महाराज कहते थकते नहीं उनके गाँव से 37 वोटों से राजे को हार का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष शिवराज सिंह गोहिले के जवासिया से 77 वोटों से हारी जबकि ये भी पैलेस के वफादार सिपाही के रूप में जाने जाते हैं। कृषि उपज मंडी सदस्य औंकारलाल पाटीदार के क्षेत्र से 298 वोटों से हार के अलावा सासंद प्रतिनिधिी ब्रदीलाल जायसवाल के साथ ही रालामंडल में भी हार का सामना करना पड़ा। जयपालसिंह पवार किसान मोर्चे के जिला उपाध्याक्ष है जहा से 124 वोटों से हारे, विजयागंज मंडी से संजय खान,सुमराखेडा से अमजद खान,बरखेड़ा कायम से भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सुदरलाल शर्मा, उपड़ी से भेरूसिंह उपड़ी के दोनों पोलिंग से हार का सामना करना पड़ा । इसके अलावा भी कई ग्रमाीण क्षैत्र से भाजपा नेताओं से क्षैत्र से हार का मीठा स्वाद चखने को मिला । कहा जाये तो इन नामों के पीछे फूलसिंह चावड़ा का बहुत बड़ा हाथ माना जाता है। इसके पीछे क्या कारण रहे ये तो अब सिर्फ कमल के फुल के फूलसिंह ही बता सकते हैं।