भोपाल! श्री प्रतिरक्षा सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का समापन ब्रज की होली के साथ सम्पन्न हुआ। प्रसिद्ध भागवताचार्य आशीष चन्द्र शास्त्री जी ने भागवत कथा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। आज
भगवान दत्तात्रेय की कथा एवं चोबीस गुरूओं की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कलयुग में जीवन के आनन्द के लिये, जीवन के सार को समझने के लिए
भागवत ज्ञान आवश्यक है। कलयुग में दुखों का निवारण भागवत कथा में छिपा है।
प्रत्येक परिवार को जीवन में एक कथा कराने का संकल्प लेना चाहिए। कथा का
समापन करते हुए महाराज जी के सानिध्य में होली खेले रघुवीरा ब्रज में, पर पूरा
पंडाल गुलाबें की होली में सराबोर हो गया, सारे भक्त झूम,झूमकर नाचते हुए गुलाब
की पंखड़ियों से होली खेलने लगे, वही दूसरा राधारानी होली गाना- आई ब्रज में
होली रे गोरिया, आई ब्रज में होली, एके रंग में सब कोई भीगले वही एक अन्य भजन आज ब्रज में होरी रे रसिया गीत पर जमकर थिरके श्रद्धालु। इस गीत के साथ ही
भागवत कथा का समापन हो गया।
समापन अवसर पर कथा के संयोजक चेतन सिंह ने महाराज श्री का साल-श्रीफल से सम्मान कर पूरी भागवत मण्डली को विदाई दी एवं पुनः छोला
दशहरा मैदान आने का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर बहन जयश्री, रेखा माली,
भरत माली, गजेन्द्र उडवार, अजय तिवारी सहित सभी व्यवस्थापको ने महाराज श्री का आर्शीवाद लिया