उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

बहुचर्चित सोनी हत्याकांड का खुलासा…….. मजदूरी के बहाने रेकी कर छह आरोपियों ने दिया घटना को अंजाम तीन आरोपी चढ़े पुलिस के तीन फरार


अंतत: सोनी हत्याकांड का खुलासा हो गया
मजदूरी करने वालों ने रैकी कर दिया था वारदात को अंजाम
धार जिले के भील आरोपियों ने हत्या कर लूट की थी
देवास। डेढ़ माह पूर्व जिले के सराफा व्यापारी के साथ लूट करके हत्या कर आरोपी फरार हो गये थे। जिसके चलते कई दिनों तक इस वारदात में पुलिस ने तीन आरोपियों को पकड़ा है। पुलिस ने बताया की ये आरोपी मजदूरी करने के बहाने से अन्य जिलों व राज्यों में जाते हैं, तथा उस क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी एकत्रित कर अपने साथियों को बुलाकर मय हथियारों के साथ लेस होकर बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं। इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपीगण धार जिले के हैं, जिनके हाथ गुजरात तक फैले हुए हैं। गौरतलब है की गुजरात के ही आरोपी पिछले कुछ दिनों पहले नकली नोट के कारोबार में लिप्त पाये गये थे। जिन्हे भी पुलिस ने गुजरात से धरदबोचा था।
पुलिस अधीक्षक चंन्द्रशेखर सोलंकी जब से देवास आये हैं तब से लेकर अब तक कई वारदातों का खुलासा उन्होनें किया। इन वारदातों में सबसे बड़ी वारदात जिले के टोंकखुर्द के सराफा व्यवसायी की थी। पुलिस ने 25 फरवरी को टोंक खुर्द थाना क्षेत्र में ज्वेलर्स सुरेश सोनी और राम कुमार उर्फ राहुल सोनी के साथ हुई लूट और हत्या की वारदात के आरोपियों को धर दबोचा है। इस लूट की वारदात में आरोपियों ने सुरेश सोनी की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद आरोपियों को पकडऩे के लिए उज्जैन रेंज के आईजी ने 30 हजार का इनाम भी घोषित किया था। उल्लेखनीय है की ज्वेलर्स सुरेश कुमार सोनी और रामकुमार सोनी काठबड़ौदा ग्राम के हाट बाजार में ज्वेलरी बेचने के बाद जब वापस टोंककला लौट रहे थे, तब रास्ते में उनसे लूटमार की गई थी। जिसमें सुरेश सोनी की मौत हो गई थी। इस वारदात को लेकर काफी दिनों तक क्षेत्र में गहमागहमी बनी हुई थी। पुलिस के कार्य को लेकर प्रश्र बनते जा रहे थे। गत एक माह पूर्व इसी मामले को लेकर मृतक व्यवसायी की तेरहवीं पर टोंकखुर्द में चक्का जाम भी किया गया था। जिसके चलते परिजनों की मांग थी की मामले में लिप्त आरोपियों को पुलिस ने अब तक क्यों नहीं पकड़ा। इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के बाद एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था जिसमें उप पुलिस अधीक्षक किरण कुमार शर्मा, थाना प्रभारी बरोठा ओपी अहीर, थाना प्रभारी टोंक खुर्द सुनील यादव और थाना प्रभारी सुसनेर जिला आगर मालवा के योगेंद्र सिंह सिसोदिया को लगाया गया था। लगातार प्रयास के बाद मुखबिर के द्वारा जानकारी मिली की बाग टांडा क्षेत्र के जिला धार के मजदूर काठबड़ौदा क्षेत्र में मजदूरी हेतु आए थे जिसमे दिनेश भूरिया घटना के बाद से गायब था। देवास पुलिस ने इस संबंध में निरीक्षक योगेंद्र सिंह सिसोदिया की तकनीकी दक्षता का सहारा लिया और मामले का खुलासा हुआ कि घटना के दिन दिनेश भूरिया और उसके साथी घटनास्थल और काठबड़ौदा क्षेत्र में आए थे। जानकारी के आधार पर 7 अप्रैल को टांडा क्षेत्र से आरोपी सुनील अलावा, वन सिंह और मगनको गिरफ्तार किया गया और उनसे घटना में उपयोग किया गया मोबाइल फोन, कुल्हाड़ी और लूट का सारा सामान 6 किलो चांदी के जेवरात, 49 ग्राम सोने के जेवरात जिनकी कीमत 5 लाख है बरामद किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी गण मजदूरी करने के बहाने अन्य जिले एवं राज्यों में जाते हैं तथा क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी एकत्रित कर अपने साथियों को बुला कर हथियार से लैस होकर बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं।
ये तीन पकड़ाये
पुलिस ने अपराध में शामिल तीन आरोपियों सुनील अलावा पिता सुभान सिंह अलावा उम्र 21 वर्ष जाति भील निवासी ग्राम खाकरिया खोदरा थाना टाण्डा जिला धार, वन सिंह उर्फ वंशी वारिया पिता तेरसिंह वारिया उम्र 24 वर्ष जाति भील निवासी ग्राम खरवेरी थाना गंधवानी जिला धार और मगन अमलिया पिता केशु अमलिया उम्र 28 साल निवासी ग्राम खाकरिया खोदरा थाना टाण्डा जिला धार को गिरफ्तार किया है।
इनकी रही सराहनीय भूमिका
मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर के मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक साइबर किरण कुमार शर्मा के नेतृत्व में थाना प्रभारी सुसनेर योगेंद्र सिंह सिसोदिया, थाना प्रभारी बरोठा ओपी अहीर, थाना प्रभारी टोंक खुर्द सुनील यादव, उप निरीक्षक अमित सोलंकी, प्रधान आरक्षक कमल सिंह, आरक्षक अशोक दुबे, देवेंद्र चौहान, जितेंद्र गोस्वामी, धर्मराज सिंह, सुरेश शर्मा, साइबर सेल आरक्षक सचिन चौहान, शिव प्रताप सिंह का सराहनीय योगदान रहा। टीम को पुलिस महानिरीक्षक उज्जैन जोन द्वारा घोषित 30 हजार रूपए नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।