उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

मेरे होने वाले पति को छोड़ दो…..!! इतिहास में पहली बार न्यायालय में आया इस प्रकार का प्रकरण न्यायाधीश के समक्ष लगाई थी दुल्हन ने गुहार


देवास में अनोखा नजारा देवास जिला कोर्ट में देखने को मिला जब अपनी शादी के दिन नव नवेली दुल्हन अपने हत्या के आरोपी दूल्हे की कंडीशनल बेल की अर्जी को लेकर अपने रिश्तेदारों के साथ न्यायालय पंहुची।
दरअसल देवास में रंगपंचमी के दिन संजय नगर में कहासुनी के बाद हुए विवाद में एक युवक के साथ करीब आधा दर्जन लोगों ने मिलकर मारपीट की थी, जिसमें मृतक के सिर व कान के पास पत्थर मारा जिससे गंभीर चोट आई थी और उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने शव को बायपास पर रोड़ पर रखकर विरोध आरोपियों को पकडने के लिए किया गया था जिसके बाद देवास के औद्योगिक पुलिस थाने द्वारा 7 आरोपीयो पर उक्त मामले में धारा 302 सहित अन्य आधारों में मामला दर्ज किया था। इन 7 आरोपियों में एक आरोपी दीपक की सोमवार को बारात तराना में जाने जाने वाली थी और मंगलवार (आज) सुबह फेरे होने थे,लेकिन ओधोगिक थाना पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वही अपनी शादी को लेकर सुबह से ही अपनी शादी के दिन नव नवेली दुल्हन अपने हत्या के आरोपी दूल्हे की कंडीशनल बेल की अर्जी को लेकर अपने रिश्तेदारों के साथ जिला कोर्ट में पहुंची और न्यायालय के बाहर बिलखती रही वही पक्षकार के लिए वकील विजय राठौर के माध्यम से अर्जी लगाई है। लेकिन देर शाम न्यायाधीश महोदय ने उक्त आरोपी दुल्हे की एडवांस पैरोल की अर्जी खारिज कर दी है। जिसके चलते आरोपी दूल्हा व दुल्हन के परिजन निराश वापस लौट गए।
भारत के इतिहास में पहला प्रकरण
अभिभाषक विजय राठौर ने बताया की इस प्रकार का प्रकरण भारत के इतिहास में पहला प्रकरण होना चाहिए जब कोई दुल्हन अपने दुल्हे की जमानत के लिये याचिका लगाने हेतु न्यायालय में परिवार के साथ आई हो। ऐसा उन्होनें तो अब तक नहीं देखा है। वहीं अभिभाषक विजय ने बताया की यह देवास न्यायालय में पहला ऐसा प्रकरण आया है, जिसको लेकर न्यायाधीश ने याचिका को खारिज किया है।
ये था फैसला न्यायाधीश का
विशेष न्यायालय ने रंग पंचमी के दिन संजय नगर देवास में मारपीट व मारपीट से राधेश्याम की मृत्यु हो जाने के आरोपी दीपक व अन्य छ: आरोपियों को औद्योगिक थाना क्षेत्र पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था। जिन्हें न्यायालय ने जेल भेज दिया था। वहीं आज आरोपी दीपक पिता देवीसिंह की शादी है। जिसके लिए दीपक द्वारा विवाह हेतु पुलिस प्रोटेक्शन में विवाह की जमानत की मांग की गई। जिसे न्यायालय ने मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों अपराध की गंभीरता को देखते हुए आवेदन पत्र स्वीकार किए जाने योग्य नहीं होने से आवेदन खारिज कर दिया। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में यह भी लिखा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है। विवाह कार्यक्रम में अत्यधिक भीड़ रहती है और उसका लाभ उठाकर भाग सकता है। जबकि विवाह पश्चात वृत्ति अन्य शुभ मुहूर्त में अन्य तिथि निर्धारित की जा सकती है न्यायालय परिसर में लगभग 100 बारातियों की भीड़ दिन भर रही। प्रकरण में मध्य प्रदेश शासन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध सरकारी वकील अशोक चावला ने किया
ये हैं सात आरोपी
पुलिस ने उक्त मामले को लेकर मर्ग कायम कर प्रकरण को जाँच में लिया था। जाँच के उपरांत पुलिस ने नाबालिक आरोपी पंकज पिता बाबूलाल के साथ दिपक पिता देवीसिंह, पिंटू उर्फ बालकृष्ण पिता बाबूलाल, सोनू उर्फ सुनिल पिता कैलाश, विनोद पिता गिरधारी लाल, राहुल पिता कैलाश चन्द्र, संदीप पिता चतर सिंह के खिलाफ धारा 302, 506 व 34 में अपराध दर्ज किया है।