उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

ई-भुगतान में कैसी-कैसी लापरवाही नाम का अंग्रेजी अनुवाद हो गया, मामला बना जग हंसाई का

ई-भुगतान में कैसी-कैसी लापरवाही
नाम का अंग्रेजी अनुवाद हो गया, मामला बना जग हंसाई का
देवास।
ई-भुगतान में कैसी-कैसी लापरवाही होती है, इसका अंदाजा लगता है की कोई अधिकारी ऑनलाइन किसी विभाग का भुगतान कर रहा हो और भुगतान करने के बाद निकली रसीद में अधिकारी का नाम कुछ और आये तो विभाग की घोर लापरवाही कहेंगे। कुछ ऐसा ही एक मामला शहर में देखने को मिला जहां चुनाव में डयूटी का पैसा मिलना था जो भोपाल से सीधे देवास कोषालय में जमा होना था जो ऑनलाईन के माध्यम से जमा हुआ। वही जवाबदारों द्वारा पहला नाम हिन्दी का अंग्रेजी अनुवाद आ गया और उपनाम बराबर प्रिंट होकर निकला। यहां पर विभाग की जग हंसाई हो गई। जिस किसी ने भी इस मामले को सुना व देखा तो विभाग की हंसी उड़ाता गया।
असल में मामला यह हुआ था की निर्वाचन में डयूटी के दौरान शासकीय सेवकों व अधिकारियों को भुगतान किया जाता है। वही विकास क्षोत्रिय को भुगतान गत 10 जून को 1 हजार 400 रूपए (1400 रूपए ) का ऑनलाइन किया था। जहां भुगतान कर्ता अधिकारी के नाम का अर्थ ही बदल गया उनका नाम विकास क्षोत्रिय है भुगतान करने के बाद आई रसीद में उनका नाम डेवलपमेंट श्रोत्रिय हो गया। इसे क्या कहेंगे, या तो विभाग की आंतरिक गलती मानेंगे या ऑनलाईन कम्प्यूटर की गलती मानेंगे। कुछ भी लेकिन यहां पर हंसी का पात्र विभाग का कम्प्यूटर तो बन ही गया है। वैसे कहा जाए तो अनुवाद की पिनक कैसे-कैसे खेल दिखाती है। यहां तक कि अधिकारी का नाम जो सामने आया उसे देखकर लोग हंसे बिना नहीं रह सके पूछा जा रहा था कि अनुवाद के पहले जो श्रीमान विकास क्षोत्रीय पदस्थ थे वह बातों-बातों में कहां गायब हो गए और उनकी जगह नया नाम डेवलपमेंट श्रोत्रिय कहां से आ गया। जिन्हें इंग्लिश का भली-भांति ज्ञान नहीं है यह तो अचानक भ्रमित हो गए। वह जग हंसाई की तरह इसका मजा लेने लगे अनुवाद करते समय जब पूरी तरह से मशीन पर डिपेंड हो जाया जाता है तो जिम्मेदार विभाग में भी किस तरह अर्थ का अनर्थ नाम का गुम हो जाना चर्चा का विषय बन जाता है अनुवाद के बाद उसको पुन चेक नहीं करना कभी-कभी जग हंसाई के साथ साथ विभाग की लापरवाही को भी दर्शाता है।
यह था मामला
मध्य प्रदेश शासन संचनालय कोष एवं लेखा पर्यावास भवन मदर टेरेसा मार्ग द्वारा पिछले दिनों कोषालय में कलेक्टर के नाम ई पेमेंट किया गया था। जिसमें विकास श्रोत्रिय के नाम का इंग्लिश में ट्रांसलेशन होना हास्य के साथ भूल का विषय बना उन्हें प्राप्त ई पेमेंट स्लिप में डेवलपमेंट श्रोत्रिय लिखा गया जो यह जाहिर करता है कि हिंदी का अंग्रेजी में अनुवाद करना किस तरह का हास्य पद विषय बन जाता है या फिर नाच न जाने आंगन टेढ़ा की तर्ज पर यह जवाबदार केवल भुगतान कर अपनी जवाबदारी से किसी के भी नाम का अनर्थ कर दे यह उचित समझते हैं। का अनर्थ कर दे यह उचित समझते हैं।